सियोल। उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग कब किसे मौत की सजा दे दे, कोई नहीं जानता। उसके आदेश पर ही हंसना और रोना पड़ता है। वो.. न किसी की सुनता है और न किसी को सुझाव देने की अनुमति देता है। बस, यूं ही चलता है उत्तर कोरिया। लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि तानाशाह किम जोंग अपने ही देश की महिलाओं के आगे गिड़गिड़ाने को मजबूर हो रहा है। बार बार देश के लिए उनसे रहम की भीख मांग रहा है। वो भी सार्वजनिक तौर पर कहता है कि महिलाएं ही उत्तर कोरिया को बचा सकतीं हैं।उत्तर कोरिया की जन्मदर में पिछले 10 वर्षों से लगातार गिरावट हुई है। देश के लिए यह स्थिति चिंताजनक है। हालांकि उत्तर कोरिया की जनसंख्या के रुझान के बारे में जानकारी मिलना मुश्किल है। उत्तर कोरिया में 2023 तक एक महिला से जन्म लेने वाले बच्चों की औसत संख्या 1.8 थी।
यह प्रजनन दर उत्तर कोरिया के कुछ पड़ोसी देशों की तुलना में अधिक जरूर है लेकिन सरकार इस आंकड़े को लेकर चिंतित है। उत्तर कोरिया के पड़ोसी देश पहले से ही ऐसी ही गिरावट से जूझ रहे हैं।उत्तर कोरिया की एक स्वास्थ्य संबंधी वेबसाइट के प्रमुख अहं क्यूंग-सु के मुताबिक,‘उत्तर कोरिया के कई परिवार एक से ज्यादा बच्चे पैदा नहीं करना चाहते क्योंकि उन्हें लगता है कि बच्चों के भरण पोषण, स्कूल इत्यादि में बहुत ज्यादा पैसे खर्च होंगे।’ उत्तर कोरियाई मीडिया के मुताबिक, देश में तीन या उससे अधिक बच्चों वाले परिवारों को सरकार मुफ्त अनाज, सब्सिडी, फ्री इलाज इत्यादि विशेष लाभ प्रदान कर रही है
, फिर भी लोग अधिक बच्चा पैदा करने से बच रहे हैं। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने हाल ही में देशभर की महिलाओं को बुलाकर अपनी समस्या साझा की है। उन्होंने देश में जन्म दर बढ़ाने की अपील करते हुए सरकार के प्रयासों में महिलाओं का समर्थन भी मांगा। उन्होंने महिलाओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी को इस गिरावट को रोकने का प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम में किम ने कहा, ‘जन्म दर में गिरावट को रोकना और बच्चों की अच्छी देखभाल करना हमारा पारिवारिक मामला है। सभी माताओं को मिलकर इस मामले का समाधान निकालना चाहिए।