सर्वे में 3067 इंगलैंड वासी अभिभावकों में से 14 फीसदी ने बताया कि बच्चों की शिक्षा में बाधक तथ्यों की सरकार द्वारा उपेक्षा की जा रही है। सर्वे में बताया गया कि गणवेश की कीमतें 50 फीसदी बढ़ने से यू.के. के 28 लाख विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं।देश में स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों के लगाए जाने वाले ट्रिप भी 44 फीसदी महंगे हो जाने से विद्यार्थियों का पोषण प्रभावित हुआ है। ऐसे में 61 फीसदी अभिभावक यूनिफार्म की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं जबकि स्कूल के ट्रिप पर होने वाले सहचर्चा से 52 फीसदी अभिभावक परेशान हैं।
सर्वे में कहा गया है कि 25 फीसदी लोग महंगाई के कारण अपने बच्चों को स्कूल भेजने के मामले में संघर्ष कर रहे हैं। इनमें से करीब 2 लाख 73 हजार बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें साल में महज दो बार स्कूल भेजा गया। 55 प्रतिशत अभिभावकों ने बताया कि वे अपने बच्चों को रोजाना विद्यालय भेज रहे है, जबकि 38 फीसदी अभिभावक सप्ताह में एक बार वहीं 6 फीसदी अभिभावक महीने में एक बार ही बच्चों को स्कूल भेजने में समर्थ हैं। 48 फीसदी अभिभावकों का मानना है कि उनके बच्चों का भविष्य अच्छा होगा, जबकि 41 फीसदी अभिभावक आने वाले समय में बच्चों के बेहतर भविष्य की अपेक्षा रखते हैं।पेरेंटकाइन सर्वे एजेंसी के सी.ई.ओ. और पूर्व अध्यापक जैसन एल्सम ने कहा कि सर्वे के भयावह परिणामों से देश के राजनीतिज्ञों को सचेत होना चाहिए।