पटना । भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत ने वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजे उसके पक्ष में तय नहीं किए हैं, लेकिन इससे उचित सबक लेने की जरूरत है। उन्होंने जाति आधारित गणना और आर्थिक सर्वे के आंकड़ों पर पार्टी के बदलाव के संकल्प के साथ आयोजित कार्यकर्ता कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत से सबक लेने की जरूरत है।
यदि हम ऐसा नहीं करते तो 2024 में भाजपा को सत्ता से हटाना असंभव है। माले महासचिव ने कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश की नजर बिहार पर है। बिहार में भाजपा के खिलाफ एक बड़ा गठबंधन है। यदि महागठबंधन सरकार सही रास्ते पर चले और संघर्ष के मुद्दों पर केंद्रित हो तो भाजपा की हार निश्चित है। उन्होंने कहा कि बिहार का सामाजिक-आर्थिक सर्वे सरकारों की विफलता के आंकड़े हैं।
लंबे समय से बिहार में डबल इंजन की सरकार थी। यह सर्वे किसानों की आय दुगनी करने और हर गरीब को पक्का मकान देने के नरेंद्र मोदी सरकार के वादे की भी पोल खोल रहा है। बिहार सरकार ने सच को स्वीकार किया है, लेकिन केंद्र सरकार आंकड़ों को छुपाकर जले पर नमक छिड़क रही है। भट्टाचार्य ने कहा कि गरीब परिवारों के लिए वित्तीय सहायता, वंचितों के आरक्षण का विस्तार और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग का स्वागत है, लेकिन लोगों की स्थायी आमदनी बढ़ाने के उपाय ढूंढने चाहिए।