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(मुंबई) दिशा सालियान मौत मामले में एसआईटी का गठन
- ठाकरे परिवार पर राजनीतिक शिकंजा कसने का प्लान
मुंबई, । दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर रह चुकी दिशा सालियान की मौत की जांच अब एसआईटी करेगी. महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में एसआईटी गठित करने की घोषणा की है. इस संबंध में राज्य सरकार ने पुलिस को लिखित आदेश दे दिया है. आपको बता दें कि पिछले साल दिसंबर में, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने विधानसभा को सूचित किया था कि सालियान की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया जाएगा। एसआईटी के गठन से शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के विधायक आदित्य ठाकरे की मुश्किलें बढ़ने की आशंका है। सूत्रों की मानें तो आगामी चुनाव के मद्देनजर ठाकरे परिवार पर राजनीतिक शिकंजा कसने हेतु एसआईटी का गठन किया गया है. दरअसल इसका मकसद आदित्य ठाकरे को इस मामले में घेरकर ठाकरे परिवार पर दवाब बनाना है.
जून 2020 में हुई थी दिशा के संदेहास्पद अवस्था में मौत
दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर रह चुकी दिशा सालियान की 8 जून, 2020 को संदेहास्पद अवस्था में मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक दिशा ने आत्महत्या की थी. हालाँकि, यह आरोप लगाया गया कि उसकी हत्या की गई है। दिशा की मौत के करीब 6 दिन बाद अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत अपने घर में मृत पाए गए थे। इसी के चलते केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे और बीजेपी विधायक नितेश राणे ने दिशा की मौत की एसआईटी जांच की मांग की थी। नितेश राणे ने यह भी मांग की कि शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे का नार्को टेस्ट कराया जाए। राज्य के गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने नागपुर के पिछले शीतकालीन सत्र में इस मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिये थे. दिशा सालियान की मौत के मामले में आख़िर कहां थे आदित्य ठाकरे? ऐसा सवाल उठाया गया. अब राज्य सरकार दिशा सालियान मामले की जांच एसआईटी से कराने जा रही है।
अपर पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में एसआईटी टीम
नार्थ रीजन के अपर पुलिस आयुक्त राजीव जैन के नेतृत्व में एसआईटी टीम काम करेगी. परमंडल 11 के पुलिस उपायुक्त अजय बंसल और मालवणी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक चिमाजी आढाव एसआईटी में होंगे। सूत्रों ने जानकारी दी है कि जांच में कई सबूत सामने आएंगे.
आदित्य ठाकरे को निशाना बनाया जा रहा है
अब इस एसआईटी जांच से राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं. शिवसेना ठाकरे गुट ने आरोप लगाया है कि आदित्य ठाकरे को निशाना बनाया जा रहा है. वहीं शिवसेना शिंदे गुट ने पलटवार करते हुए कहा है कि अगर गलती नहीं है तो डरने की कोई बात नहीं है.
- फिर बढ़ेगी महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल
एक ओर जहां आदित्य ठाकरे की मुश्किलें बढ़ने की आशंका है तो दूसरी ओर ठाकरे परिवार पर राजनीतिक दबाव बढ़ाने की भी मंशा से इंकार नहीं किया जा रहा है क्योंकि अगले साल लोकसभा और फिर महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव होने हैं. बहरहाल एक बार फिर महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल बढ़ सकती है.