सारंगपुर। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में किसानों से वादा किया था कि हमारी सरकार आते ही बिजली के बिल माफ कर देंगे। किसानों को भी उम्मीद थी कि इस बार कांग्रेस की सरकार आएगी और उनके बिल माफ हो जाएंगे। यही सोचकर उन्होनें बिजली का बिल जमा करना बंद कर दिया। पर, उल्टा हो गया सरकार भाजपा की बन गई, जिसने इस तरह का कोई वादा नहीं किया था। अब विद्युत वितरण कंपनियां बिल वसूली के लिए किसानों पर दवाब बना रहीं हैं। अब अभियान चलाकर क्षेत्र के 4 हजार किसानों से साढ़े 7 करोड़ की वसूली करने की तैयारी की जा रही है।
क्षेत्र में पिछले तीन से चार विधानसभा चुनावों के समय से ही चल रहा है कि चुनाव के लगभग एक साल पहले से ही किसान बिल माफी के इंतजार में बिजली बिल जमा करना ही बंद कर देते हैं। इस बार भी किसानों ने बिजली बिल जमा ही नहीं कराया और यह राशि बढते-बढते 7 करोड़ रुपये से ज्यादा तक पहुंच गई हैं। मतदान के बाद भी कंपनी का अमला वसूली करने के लिए खेतों पर पहुंचा तो इसको लेकर हंगामा खडा हो गया था और अधिकारियों को सफाई देना पडी। इधर वर्तमान में रबी सीजन में सिंचाई का दौर शुरू होते ही सिंचाई फीडर पर लोड बढ गया है।
सारंगपुर क्षेत्र में सैकड़ो किसानों को रबी सीजन में चार माह के लिए अस्थायी कनेक्शन बिजली कंपनी ने दिए है।सिंचाई के चालू बकाया और पूर्व के बकाया बिलों को लेकर बिजली कंपनी सारंगपुर के प्रभारी सहायक यंत्री मनोज इताली ने जानकारी देते हुए बताया कि सारंगपुर उपसंभाग के अंतर्गत मऊ, पाडल्यामाता और सारंगपुर डीसी के लगभग 4 हजार 269 उपभोक्ता किसानों पर 7 करोड़ 61 लाख रुपये की राशि बकाया है। इनमें कई किसानों ने तो 5 या 10 साल से भी बिल की राशि जमा नहीं कराई है।
विद्युत कंपनी बकाया वसूली के लिए अभियान चला रही और किसानों से वसूली के लिए उनके ट्रांसफार्मर खराब होने के बाद बकाया जमा करने पर ही नया ट्रांसफार्मर लगाया जा रहा है और ज्यादा बकाया पर ट्रांसफार्मर उतारे जा रहे है। रबी सीजन में हर साल बिजली कंपनी सिंचाई के लिए किसानों को अस्थायी कनेक्शन देती है। इस साल रबी की सिंचाई के लिए विद्युत कंपनी ने भी अस्थायी कनेक्शन किसानों को दिए है। चार माह के लिए यह कनेक्शन दिए जा रहे हैं। वर्तमान में सिंचाई का दौर चल रहा है। ऐसे में सिंचाई के फीडर पर बिजली का लोड भी बढ़ गया है।