- गठिया की दवाई से रोकी जा सकती है डाय‎बि‎टीज टाइप-1 की बीमारी

गठिया की दवाई से रोकी जा सकती है डाय‎बि‎टीज टाइप-1 की बीमारी


नई दिल्ली । एक ‎रिसर्च में पता चला है ‎कि ग‎ठिया की एक दवाई है, जो डाय‎बि‎टीज टाइप-1 के इलाज में उपयोगी है। इंसान की भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल में जहां ज्यादा फ्राइड फूड और शुगर इनटेक की वजह से डायबिटीज जैसी लाइलाज बीमारी का शिकार हो रहे हैं, वहीं अब न्यू इंगलैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। आमतौर पर डायबिटीज की रोकथाम के लिए दवा नहीं है, पर अब एक शोध में पता चला है कि गठिया के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा डायबिटीज टाइप 1 की बढ़ने से रोकने में कारागार है। 

गठिया की ये दवा है Diabetes Type 1 की रोकथाम में कारागार: स्टडी - arthritis  medicine is very useful in stopping the progression of diabetes-mobile

मेलबर्न में सेंट विंसेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च ने इस बात का दावा किया है। शोधकार्ताओं ने पाया की गठिया में इस्तेमाल की जाने वाली दवा बारिसिटिनिब शरीर में पैदा होने वाले इंसुलिन को बहुत ही प्रभावी ढंग से कंट्रोल करती है। अध्ययन में ये पाया गया की जिन लोगों ने डायबिटीज होने के 100 दिन के अंदर ये दवा लेनी शुरु कर दी, उनमें टाइप-1 डायबिटीज की प्रगति काफी हद तक रुक गई। जानकारों की मानें तो टाइप-1 डायबिटीज एक प्रकार का रोग है, जिसमें इम्यून सेल्स अग्नाशय में मौजूद बीटा सेल्स को नुकसान पहुंचाती हैं। जिससे बीटा सेल्स पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन पैदा नहीं कर पाते हैं। जब शरीर में इंसुलिन का उत्पादन कम होता है तो खून में मौजूद ग्लूकोज से शक्ति प्राप्त नहीं हो पाती है। जिससे खून और यूरीन में ग्लूकोज का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और ये डायबिटीज का रूप ले लेता है। ये ज्यादातर बच्चों और कम उम्र के लोगों में ही पाया जाता है। 

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इस मामले में एसवीआई के प्रोफेसर ने बताया ‎कि जब टाइप-1 डायबिटीज को पहली बार डायग्नोज किया जाता है तब इंसुलिन उत्पादक कोशिकाएं पर्याप्त संख्या में मौजूद होती है। प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा इन कोशिकाओं और ज्यादा नष्ट होने से बचाया जाना जरुरी है। गौरतलब है ‎कि इस स्टडी में 91 लोगों ने भाग लिया था, जिसमें में 60 लोगों को बारिसिटिनिब और 31 लोगों को प्लेसिबो दिया गया था। डायबिटीज टाइप- 1 से पीड़ित इन लोगों के 100 दिनों के भीतर ही परीक्षण शुरु किए थे। अध्ययन में पाया गया कि टाइप 1 डायबिटीज वाले जिन लोगों को बारिसिटिनिब दवा दी गई, उन्हें इलाज के लिए काफी कम इंसुलिन की जरूरत पड़ी। जबकि जो लोग टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित होते हैं, उन्हें दिन-रात अपने अपने ग्लूकोज लेवल का ध्यान रखना पड़ता है।
गठिया की ये दवा है Diabetes Type 1 की रोकथाम में कारागार: स्टडी - arthritis  medicine is very useful in stopping the progression of diabetes-mobile

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