बेचेलेह । लेबनान के एक गांव बेचेलेह में 16 जैतून के पेड़ों का एक बगीचा है, जिन्हें स्थानीय लोग जीवित चमत्कार मानते हैं। इनका बाइबल से भी बडा कनेक्शन है। इन्हे ‘द सिस्टर्स ऑलिव ट्रीज ऑफ नूह’ कहा जाता है। ये दुनिया के सबसे पुराने जैतून के पेड़ों में से है। जानकारी के अनुसार, ये पेड़ कम से कम 5,000 साल पुराने हैं, और कुछ का कहना है कि वे 6,000 साल या उससे भी पुराने हैं। अब इन्हीं पेड़ों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘फेसबुक’ पर इन पेड़ों की तस्वीरों को ऑलिव कार्बन के यूजर ने शेयर किया है। साथ ही कैप्शन में इन पेड़ों को लेकर अहम जानकारी भी बताई गई है।
तस्वीरों में देखा जा सकता है कि आज भी ये पेड़े किस हालत में खड़े हुए हैं। इतिहासकारों का कहना है कि जैतून के इन पेड़ों की उत्पत्ति का मूल बाइबल है। ‘द सिस्टर्स’ जैतून के पेड़ अनसुलझे और अज्ञात बाइबल-पूर्व रहस्यों में से एक हैं। दरअसल, नूह के जहाज और महाप्रलय की कहानी बाइबल की सबसे प्रसिद्ध कहानियों में से एक है। बाइबल में, नूह ने यह देखने के लिए जहाज से एक कबूतर भेजा कि बाढ़ का पानी कम हो गया है या नहीं। तब वो कबूतर एक जैतून की शाखा के साथ लौटा। स्थानीय लोककथाओं का दावा है कि उसी जैतून की शाखा से इन पेड़ों की उत्पत्ति हुई है।
एक ‘एक्स’ पोस्ट के अनुसार, वास्तव में इन ‘नूह के पेड़ों’ को स्थानीय लोग एक जीवित चमत्कार मानते हैं, क्योंकि प्रकृति, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कठिनाई, लालच और हिंसा के सामने अक्सर चुप और निष्क्रिय रहती है। वैसा ही ये रहस्यमय जैतून के पेड़ करने में कामयाब रहे हैं, क्योंकि इन्होंने 6000 सालों के जलवायु परिवर्तन, कुल्हाड़ियों के प्रहार और बीमारियों से सामना किया है। लोगों का कहना है कि ‘द सिस्टर्स’ जैतून के पेड़ों को एक बहुमूल्य राष्ट्रीय संपत्ति माना जाना चाहिए। यही वजह है कि लेबनान के पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय ने इन पेड़ों को राष्ट्रीय महत्व के स्थल के रूप में मान्यता दी है।