भोपाल। कोरोना वायरस के राजधानी में दो और मरीज मिले हैं। इनको मिलाकर अब कोरोना वायरस के कुल तीन सक्रिय केस हो चुके हैं। हाल ही मिले ये दोनों ही मरीज दूसरे राज्य से यात्रा कर भोपाल लौटे थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम इन पर नजर बनाए हुए हैं। पॉजीटिप रिपोर्ट आने के बाद दोनों मरीजों को होम आइसोलेट करा दिया है। संक्रमितों में एक की उम्र 23 और दूसरे की 58 वर्ष है। दो दिन पहले एक युवती भी कोरोना संक्रमित पाई गई थी। इससे पहले इंदौर, जबलपुर में भी कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। सीएमएचओ डा.प्रभाकर तिवारी ने बताया कि भोपाल में तीन सक्रिय कोरोना के संक्रमित हैं।
किसी के भी अभी तक कोई गंभीर लक्षण नहीं है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। इधर कोरोना की दस्तक के साथ ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। शनिवार को भोपाल में 15 संदिग्धों के सैंपल जेपी अस्पताल से जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं अन्य अलग-अलग स्थानों से 11 सैंपल लिए गए हैं। भोपाल में शनिवार को कुल 26 लोगों की सैंपलिंग हुई। सीएमएचओ बताते हैं कि पाजीटिव आने पर मरीजों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
जेपी डा.प्रभाकर तिवारी ने बताया कि कोविड का नया सब वैरिएंट सार्स काव-2 जेएन-1 खतरनाक नहीं है। इस सब वैरिएंट से पाजिटिव हुए रोगियों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। घर पर ही आइसोलेशन में रहते हुए सामान्य उपचार से इसके रोगी ठीक हो रहे हैं। इससे घबराने या भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।अस्पताल के सिविल सर्जन डा.राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने कोविड संक्रमितों के लिए 16 बेड का अलग वार्ड तैयार कराया है। ऐसे ही हमीदिया अस्पताल में अलग से 15 बेड का वार्ड तैयार कर लिया गया है। इधर, इंदौर में मिले एक संक्रमित की रिपोर्ट भी शुक्रवार को निगेटिव हो गई है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है।
मालूम हो कि भोपाल जिले में 15 हजार से अधिक हास्पिटल बेड उपलब्ध हैं। अस्पतालों में साढ़े तीन हजार से ज्यादा आक्सीजन सपोर्ट बेड उपलब्ध हैं। इसके साथ ही दो हजार से अधिक आइसीयू बेड, 750 वेंटिलेटर बेड क्रियाशील हैं। जिले में 4 हजार से अधिक चिकित्सक, साढ़े छह हजार से ज़्यादा नर्सिंग आफिसर, 2 हज़ार पैरामेडिकल कर्मचारी, 150 एंबुलेंस उपलब्ध हैं। 21 हजार लीटर से अधिक क्षमता के 30 आक्सीजन प्लांट क्रियाशील हैं । एक हजार से अधिक आक्सीजन कंसंट्रेटर एवं 5 हजार से अधिक आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भोपाल जिले में है।