अयोध्या । अयोध्या रामजन्मभूमि पर नवंबर 2019 में आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही प्रतापगढ़ निवासी सियाराम गुप्ता ने अक्तूबर 2018 में एक करोड़ रुपये समर्पण किया । इसके लिए सियाराम ने 16 बिस्वा पुस्तैनी जमीन बेच दी। 15 लाख रुपये कम पड़े तो संतानों और रिश्तेदारों से उधार लिया इस प्रकार एक करोड़ रुपये समर्पण का संकल्प पूरा किया।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) काशी प्रांत के रिकॉर्ड के मुताबिक, सियाराम देश और दुनिया के पहले एकनिष्ठ दानदाता हैं जिन्हे राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा में आमंत्रित किया गया है। मंदिर निर्माण से गदगद सियाराम का कहना है कि 500 वर्षों बाद प्रभु राम के आगमन से मेरा जीवन धन्य हो गया।
अयोध्या में रामजन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नवंबर 2019 में आया था, फिर श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र से निधि समर्पण का अभियान चलाया। लेकिन सियाराम गुप्ता ने अक्तूबर 2018 में ही राममंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये का चेक आरएसएस काशी प्रांत को दे दिया था। अयोध्या में राममंदिर के लिए धनराशि जुटाने वाले सियाराम ने अपनी 16 बिस्वा जमीन बेच दी थी। 15 लाख रुपये कम पड़े तो बेटे, बेटी और रिश्तेदारों से उधार लिया। एक करोड़ रुपये दान देने का संकल्प पूरा किया। सियाराम को भरोसा था कि अयोध्या में भव्य राममंदिर बनेगा, इसलिए पहले ही दान देने का फैसला कर लिया। वह कहते हैं कि दान देकर भूल गया था। किसी तरह के प्रचार-प्रसार की मंशा नहीं थी।
राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा की तारीख घोषित हुई तो श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र अयोध्या से न्योता मिल गया। 22 जनवरी को अयोध्या जाना है। आरएसएस काशी प्रांत ने राममंदिर निर्माण के लिए दान देने वाला पहला दानदाता भी बताया। जमीन कारोबार से जुड़े सियाराम गुप्ता ने पांचवीं तक की पढ़ाई की है। उन्होंनें प्रतापगढ़-प्रयागराज रोड पर राम-सीता का मंदिर भी बनवाया है। अब मंदिर में ही रहकर पूजा-अर्चना करते हैं। वह कहते हैं कि इमरजेंसी में जेल गया था। पहला दानदाता बनने की जितनी खुशी मुझे है, उससे कहीं ज्यादा पत्नी, तीन बेटे और बेटियों को है।