बेंगलुरु। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक पदाधिकारी को विवादित बयान देना महंगा पड़ गया। संघ के कालडका प्रभाकर भट ने एक कार्यक्रम में कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक का कानून खत्म करके मुस्लिम महिलाओं को परमानेंट पति दे दिया है। इस पर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। उन पर और धार्मिक वैमनस्य फैलाने के आरोप लगे हैं। एक कार्यक्रम के दौरान दिए भाषण में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून लाने के कारण मुस्लिम महिलाओं को परमानेंट हसबैंड्स मिल गए हैं।
कर्नाटक के श्रीरंगपटना में एक कार्यक्रम के दौरान भट ने कहा, अब तक तीन तलाक के जरिए तलाक दिया जाना कानूनी था,
लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इसे खत्म कर दिया। इसे लेकर मुस्लिम पुरुषों में काफी नाराजगी होगी। उन्होंने कहा, लेकिन मुस्लिम महिलाएं इस फैसले से बहुत खुश होंगी, क्योंकि उन्हें हर दिन नए पति के साथ रहने की मजबूर होना होता था, क्योंकि वे तलाक, तलाक, तलाक कहकर छोड़कर चले जाते थे।उन्होंने आगे कहा, वे कभी नहीं कह सकती थीं कि उन्हें जीवनभर का पति मिल गया है। यह मोदी सरकार है, जिसने आपको परमानेंट हसबैंड दे दिया है। पुलिस के मुताबिक एक सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत के आधार पर भट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है और उनकी (भट की) कथित टिप्पणी का वीडियो भी सार्वजनिक मंचों पर उपलब्ध है।
पुलिस ने कहा कि शिकायत के मुताबिक संकीर्तन यात्रा के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए भट ने मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया तथा समुदाय के विरूद्ध धार्मिक नफरत को बढ़ावा दिया। एक हिंदू संगठन ने हनुमान जयंती समारोह के तहत 24 दिसंबर को इस यात्रा का आयोजन किया था। शिकायतकर्ता ने भट्ट पर अपने बयानों से हिंदुओं और मुसलमानों के बीच वैमनस्य को बढ़ाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। पुलिस ने कहा कि शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। उसने कहा कि भट को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और जांच चल रही है।