. आपको बता दें कि हाल ही में ठाकरे गुट ने मुंबई के धारावी झुग्गी बस्ती का अडानी समूह द्वारा पुनर्विकास के खिलाफ एक भव्य मार्च निकाला था। इस मार्च में कांग्रेस और शरद पवार गुट के कार्यकर्ता भी शामिल हुए. उस वक्त अडानी के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे ने राज्य और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि क्या मुंबई का विकास अब दिल्ली से होगा? क्या अडानी को मुंबई महानगर पालिका में संरक्षक मंत्री का दफ्तर दिया जायेगा ? उद्धव ठाकरे ने कहा था, यह लड़ाई सिर्फ मुंबई के लिए नहीं, बल्कि राज्य के लिए है.
इसका असर महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. ठाकरे के मार्च के बाद अडानी समूह की ओर से एक बयान जारी किया गया. जिसमें मुंबई में धारावी पुनर्विकास परियोजना एक निष्पक्ष, खुली और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से अदानी समूह को सौंपे जाने की बात कही गई थी। साथ ही, उनके खिलाफ आरोपों को यह कहकर समझाया गया कि निविदा शर्तों को अंतिम रूप तब दिया गया था जब महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार सत्ता में थी। बहरहाल एक ओर शरद पवार उस कांग्रेस के साथ गठबंधन में हैं जो लगातार गौतम अडानी का विरोध कर रही है तो दूसरी और शरद पवार अडानी से लगातार मिल रहे हैं. इसलिए राजनीतिक गलियारों में यही चर्चा सुनी जा रही है कि आखिर क्यों बार-बार अडानी से शरद पवार मुलाकात कर रहे हैं ?