भोपाल । धांधली के आरोपों से घिरने के बाद कर्मचारी चयन मंडल से वर्दी वाली भर्ती परिक्षाएं न करवाए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए अलग से पीएचक्यू बोर्ड बनाया जाएगा। मध्यप्रदेश में अब वर्दी वाली सभी भर्तियां पुलिस मुख्यालय की ओर से बनाए जा रहे बोर्ड से होंगी। कर्मचारी चयन मंडल की भर्ती परीक्षाओ में होने वाले विवादों को देखते हुए यह बदलाव किया जा रहा है। इसमें पुलिस, वन, आबकारी में आरक्षक के साथ ही जेल प्रहरियों की भर्ती अब कर्मचारी चयन मंडल से नहीं होगी। यह फैसला हो गया है। इन भर्तियों के लिए नया बोर्ड बनाया जा रहा है जो सभी वर्दी वाले आरक्षक और प्रहरियों की भर्ती परीक्षा का आयोजन करेगा। सूत्रों की मानें तो इस बोर्ड को बनाने का जिम्मा पुलिस मुख्यालय को दिया गया है।
इस पर काम भी शुरू हो चुका है। पुलिस मुख्यालय के आला अफसर इस बोर्ड को बनाने के काम में जुटने वाले हैं। अफसरों को यह संदेश भी मिला है कि पुलिस के साथ ही यह बोर्ड वनरक्षक, जेल प्रहरी और आबकारी आरक्षक की भी भर्ती करेगा। माना जा रहा है कि यह बोर्ड जल्द से जल्द बनाया जाएगा। इस साल पुलिस आरक्षकों के 5 हजार पद पर भर्ती की जाना है। यह भर्ती नए बोर्ड से करने की तैयारी है। इसीलिए माना जा रहा है कि भर्ती के लिए बनाए जा रहे नए बोर्ड से सबसे पहले पुलिस आरक्षकों की भर्ती परीक्षा आयोजित होगी।
इसके बाद अन्य विभागों की भर्ती परीक्षा इस बोर्ड के द्वारा कराई जाएगी। प्रदेश में व्यापमं द्वारा करवाई गई भर्ती परीक्षा और इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की परीक्षाओं में धांधली हुई थी जिस पर मध्य प्रदेश पुलिस और उसके बाद सीबीआई ने व्यापक कार्रवाई करते हुए हजारों लोगों पर प्रकरण दर्ज किए थे। देश भर में विवादास्पद होने के बाद व्यापम का नाम बदलकर मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल किया गया है। इसके बाद भी भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी होने के आरोप इस बोर्ड पर लगाते रहे हैं। इन आरोपों की गूंज प्रदेश के बाहर भी लगातार पहुंचती रही है। अब यह तय किया गया है की वर्दी वाली भर्ती परीक्षा के लिए नया बोर्ड बनाया जाएगा।