नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आया हिजबुल का आतंकी जावेद मट्टू बारामूला के सोपोर का रहने वाला है। मट्टू उर्फ इरशाद अहमद मल्ला उर्फ एहसान ने कॉलेज में पढ़ाई छोड़ दी थी। यह उत्तरी कश्मीर, विशेषकर सोपोर, जम्मू-कश्मीर के इलाके में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन के सात खूंखार आतंकवादियों के गिरोह का सरगना है। पिछले 13 वर्षों से वह सुरक्षा बलों की पकड़ से बचता रहा है। एक बार सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में घायल होने के बाद वह भूमिगत हो गया था और आईएसआई के निर्देश पर नेपाल भाग गया। इसके पैर में गोली लगी थी। इसके बाद इसने आतंकी वारदात कम कर दी थी।
जावेद के गिरोह में अब बस दो ही आतंकी बचे हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर के सोपोर का निवासी अब्दुल माजिद जरगर उर्फ शाहीन वर्तमान में पाकिस्तान में है। ये वर्तमान में जावेद मट्टू सहित पाकिस्तान से अन्य हिजबुल मुजाहिदीन कैडरों को संभाल रहा है। जरगर पैसे और रसद का प्रबंधन भी करता है। ये सीमा पार से आईएसआई संचालकों से हथियार खरीदता है। इसके अलावा सोपोर, जम्मू-कश्मीर निवासी इम्तियाज कुंडू पाक प्रशिक्षित आतंकवादी है। ये 2015-16 में पाकिस्तान भाग गया और वर्तमान में शाहीन के साथ काम कर रहा है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हर आतंकी वारदात के बाद इसके पास हवाला के जरिए रकम आती थी।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इसके पास पाकिस्तान से 15 से 20 लाख रुपये आ चुके हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इसे कई अन्य जगहों से भी पैसे आते थे। इसे खर्चे के लिए अलग व आतंकी वारदातों के लिए अलग पैसे आते थे। पुलिस को आंशका है कि उसे पाकिस्तान से कुछ देशों के जरिए हवाला से पैसा आया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आतंकी जावेद मट्टू ने कई बड़ी आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है। आरोपी पर कई पुलिसकर्मियों व सुरक्षा जवानों की हत्या का आरोप है।