नई दिल्ली । पाकिस्तान में तैनात रहे भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने अपनी नई किताब में बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने लिखा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर में हमले को अंजाम देने के लिए अल-कायदा की साजिश की खबर दी थी, जो सच निकली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फरवरी 2019 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान को दिन में तारे दिखा दिए थे। भारत के एक्शन से पाकिस्तान इस कदर डर गया था कि उसने जून में भारतीय उच्चायुक्त को खुद ही कॉल कर अगले आतंकी हमले की जानकारी दी थी। अजय बिसारिया ने अपनी किताब एंजर मैनेजमेंट: दी ट्रवल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान में कई बड़े खुलासे किए हैं।
उन्होंने लिखा है कि आईएसआई एक बार फिर से भारत की नाराजगी नहीं झेलना चाहता था। इसी कारण उसने भारतीय उच्चायुक्त को कॉल करके अल कायदा की साजिश के बारे में बताया था। बिसारिया लिखते हैं, ‘वर्ष 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने के कुछ दिनों बाद जून में, मुझे इस्लामाबाद में देर रात 2 बजे फोन कॉल आया। मुझे फोन करने वाला आईएसआई का करीबी था। बिसारिया ने लिखा कि मुझे लगा कि वह रमजान के महीने में इस्लामाबाद के दूसरे लोगों की तरह जगा होगा और इसी दौरान उसने मुझे फोन कर दिया।’
वह बताते हैं कि उसकी बातें सुनकर वह बेहद हैरान रह गए, क्योंकि वह कश्मीर में आतंकी हमले की जुड़ी अल-कायदा की साजिश के बारे में बेहद पुख्ता जानकारी दे रहा था। बिसारिया बताते हैं कि 23 मई को पुलवामा जिले के त्राल शहर में एक आतंकवादी जाकिर मूसा मारा गया था। मूसा के अंतिम संस्कार में 10,000 से अधिक लोग शामिल हुए थे। वह मारे गए आतंकवादी बुरहान वानी का साथी था, लेकिन 2017 में हिजबुल मुजाहिदीन से नाता तोड़कर वह अल-कायदा की कश्मीर यूनिट से जुड़ गया था। ऐसे में अल-कायदा जाहिर तौर पर मूसा की हत्या का बदला लेने वाला था। वह लिखते हैं, ‘मैंने उस शख्स से पूछा कि क्या यह जानकारी सामान्य सैन्य चैनलों, डीजीएमओ हॉटलाइन के माध्यम से दी गई थी। उसने बताया कि ऐसा हो सकता है, लेकिन आईएसआई के आला अधिकारी मेरे स्तर तक जानकारी बढ़ाने के इच्छुक थे ताकि मैं इसे भारत तक पहुंचा सकूं। उस वक्त असीम मुनीर आईएसआई के डीजी थे। मैंने यह जानकारी भारत को दे दी, मुझे चिंता थी कि यह किसी तरह का गेम न हो।’
वह लिखते हैं, ‘मुझे पता चला कि यह एक पुख्ता सूचना थी, तब सच में उस वक्त समय और जगह के करीब हमले का प्रयास किया गया था। यह पाकिस्तान की तरफ से शेयर किया गया बेहद असामान्य तरह का इनपुट था। इसे लेकर एक थ्योरी तो यह थी कि आईएसआई पुलवामा जैसे हमले के बाद भारत को नाराज करने का कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था।
इस सूचना से वह यह साफ करना चाहता था कि वह बदले की योजना में किए जा रहे हमले में शामिल नहीं था, बल्कि भारत के साथ रिश्ते सुधारने के मकसद से इस खुफिया जानकारी को शेयर करना चाहता था।’ बता दें कि बिसारिया ने वर्ष 2017 से अगस्त 2019 तक पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया, जब उन्हें अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के जवाब में पाकिस्तान सरकार द्वारा निष्कासित कर दिया गया था। पुलवामा हमला फरवरी 2019 में हुआ था जिसमें 40 भारतीय सुरक्षाकर्मी मारे गए थे, जिसके बाद भारत ने बालाकोट में आतंकियों के लॉन्च पैड पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए थे।