अभी नया कानून लागू नहीं किया गया है। सरकार ने पुनर्विचार करने की बात कही है। चूंकि, सरकार अपना पक्ष रख चुकी है। ऐसे में अब हड़ताल का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए हड़ताल नहीं कर रहे हैं।एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया, बिहार, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में जरूर हड़ताल हो रही है। इस कारण प्रदेश से ट्रक वहां नहीं जा रहे हैं। सेंधवा समेत बॉर्डर पर ड्राइवरों ने गाडिय़ां खड़ी कर दी है। प्रदेश से 30 से 40 हजार ट्रक माल लेकर दूसरे प्रदेशों में जाते हैं या फिर वहां से आते हैं।
मध्यप्रदेश में महाराष्ट्र से प्याज समेत अन्य सामान आता है। यदि वहां हड़ताल लंबी चलती है तो प्याज के रेट में अंतर आएगा। अभी बाजार में खुले में 30 से 40 रुपए प्रतिकिलो तक प्याज मिल रही है। इसके दाम बढ़ सकते हैं।
हिट एंड रन कानून की वापसी के लिए चल रहे आंदोलन का बैतूल में भी असर पड़ा है। यहां महाराष्ट्र जाने वाली बसें महाराष्ट्र सीमा में प्रवेश नहीं कर पा रही है। बस से महाराष्ट्र जाने वाले यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। बस संचालकों ने बताया कि बैतूल से अमरावती, परतवाड़ा, नागपुर, चांदूर बाजार की ओर बसें जाती हैं। वहां संघ के आव्हान पर हड़ताल के चलते बैतूल और मुलताई से जाने वाली बसों को गंतव्य तक नहीं भेजा जा रहा है। कुछ बसों को भैंसदेही तो कुछ को गुदगांव और प्रभात पट्टन से ही वापस बुलवा लिया गया है। बैतूल से करीब 35 बसों का आवागमन महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में होता है। जिले की सीमा भी महाराष्ट्र से सटी हुई है। यात्री सुनील कनाथे ने बताया, वह अमरावती जाना चाहते थे, लेकिन बसें महाराष्ट्र बॉर्डर से ही लौट रही हैं। ऐसे में उन्हें अपनी यात्रा कैंसिल करनी पड़ी। पता नहीं अब यह हड़ताल कब खत्म होगी। बस ऑपरेटर का कहना है कि हड़ताल से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है। अगर हड़ताल लंबी खींचती है तो यह उनके लिए बेहद नुकसानदेह रहेगा।