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अग्निवीरों के हक में संसदीय समिति ने उठाई आवाज कहा-रेग्युलर सैनिक की तरह मिले लाभ
नई दिल्ली। रक्षा मामले की संसदयी स्थायी समिति ने संसद में यह भी कहा कि ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले जवानों के परिवार को मिलने वाली धनराशि को भी बढ़ाने की सिफारिश की गई है। पैनल ने कहा है कि अगल-अलग राज्य अपने हिसाब से शहीदों के परिवार को मुआवजे की रकम देते हैं। इसको सभी राज्यों में बराबर कर देना चाहिए। समिति ने कहा, चार साल की सेवा के लिए भी जिन अग्निवीरों की भर्ती होती है। उनके शहीद होने पर परिवार को मिलने वाला लाभ रेग्युलर सैनिक के बराबर ही होना चाहिए। वहीं बात करें रेग्युलर सैनिक की तो उनके परिवार को इन सब लाभों के अलावा फैमिली पेंशन और पूर्व सर्विसमैन की भी सुविधाएं मिलती हैं। बता दें कि चार साल की सेवा पूरी होने के बाद अग्निवीरों में से 25 फीसदी को सुरक्षाबलों में जगह दे दी जाएगी।
शुरुआती साल में इसमें 30 हजार रुपये सैलरी मिलती है जिसमें से 21 हजार दिया जाता है औऱ 9 हजार कॉर्प्स फंड में जमा होता है। बता दें कि अग्निवीर योजना के तहत सैनिक, सेलर और एयरमैन की भर्ती होती है। बता दें कि ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले अग्निवीर के परिवार को बीमा के 48 लाख रुपये, 44 लाख का मुआवजा, इसके अलावा उसके द्वारा जमा किए गए सेवा निधि और बैटल कैजुअलिटी फंड से 8लाख रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा परिवार को शहीदी की तारीख से लेकर चार साल तक की सेवा पूरी होने तक का वेतन मिलने का भी प्रावधान है।
इस फंड में हर महीने 9 हजार रुपये का योगदान सरकार भी देती है। दूसरे साल सैलरी 23,100 रुपये मिलने लगती है। वहीं कॉर्प्स फंड में 9900 रुपये जाने लगता है। तीसरे साल सैलरी 36,500 रुपये हो जाती है औऱ कॉर्प्स फंड में 10550 रुपये जाने लगता है। आखिरी साल 28 हजार रुपये हाथ में मिलते हैं औऱ 40 हजार सैलरी हो जाती है। सेवा के अंत में 10 लाख रुपये से ज्यादा इकट्ठे मिलते हैं।
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