भोपाल संत सिंगाजी विद्युत ताप विद्युत परियोजना में 600 मेगावाट इकाई की एक टरबाइन में शनिवार शाम 7 बजे आग लग गई। इससे इस परियोजना से विद्युत उत्पादन बंद हो गया। टरबाइन से अचानक धुआं निकालने लगा। कर्मचारियों ने देखा पता चला कि आग लग गई है। घटना की जानकारी लगते ही सिंगाजी परियोजना के कंट्रोल रूम में काम कर रहे हैं मजदूरों में हडकंप मच गया। सबसे पहले इकाई को बंद किया। इसके बाद कंट्रोल रूम के अधिकारियों ने वरिष्ठ अफसरों को स्थिति से अवगत कराया। फायर फाइटर ने करीब पौन घंटे में आग पर काबू पाया। परियोजना के अग्निशमन विभाग से फेस 1 और फेस 2 के दोनों फायर फाइटर स्टाफ के साथ आग बुझाने की सामग्री लेकर पहुंचे। फायरकर्मियों ने ड्राई केमिकल डालकर आग को बुझाकर काबू पाया। हालांकि टरबाइन से धुआं निकलना बंद नहीं हुआ। सूत्रों के मुताबिक आइल का ऑपरेटिंग के दौरान तापमान बढऩे से टर्बाइन में आग लगने की यह घटना हुई है। गनीमत रही कि सही समय पर फायर फाइटर पहुंच गई। इससे बड़ी घटना होने से बच गई। कंट्रोल रूम और उसके नीचे लगभग 500 मजदूर अधिकारी काम करते हैं। आग का दायरा बढऩे पर बड़ी घटना घट सकती थी। कुछ दिनों पहले भी फेज वन आइल की जगह पानी की सप्लाई होने से टरबाइन जाम हो गई थी। 10 दिन बंद रहने के बाद चालू हुई थी। लेकिन परियोजना में जिम्मेदारों ने इतने नुकसान के बाद भी सबक नहीं लिया। लापरवाही के कारण दोबारा इस तरह की घटना हुई। घटना के वक्त कंट्रोल रूम के जिम्मेदारों पर गलत ऑपरेटिंग करने की कार्रवाई हो जाती तो टरबाइन में इस तरह आग की घटना नहीं होती।