- Bhopal News: सोयाबीन के भाव गिरे, लेकिन तेल के दाम नहीं घटे

Bhopal News: सोयाबीन के भाव गिरे, लेकिन तेल के दाम नहीं घटे

आंदोलन की तैयारी में एमपी के किसान

Bhopal News: प्रदेश में सोयाबीन के भाव जहां गिरे हुए है तो वहीं सोयाबीन तेल के दाम स्थिर है। सोयाबीन के भाव गिरने के साथ ही सोयाबीन तेल का दाम भी नीचे आना चाहिए थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस अन्याय के खिलाफ किसान लामबंद होकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश के किसानों का कहना है कि दो साल पहले सोयाबीन के दाम 6000 रुपये क्विंटल थे और सोयाबीन तेल 100 रुपये किलो।

यह भी पढ़िए Bhopal News: छात्र ने झाडू नहीं लगाई तो शिक्षिका ने डंडे से पीटा

आज सोयाबीन के दाम 3800 से 4000 रुपये क्विंटल हैं, लेकिन तेल के दाम नहीं घटे। किसान संगठनों ने आंकड़े जारी कर कहा है कि सोयाबीन उत्पादक किसानों के साथ ही नहीं, आम उपभोक्ता के साथ भी ठगी हो रही है। सोयाबीन के दाम दस वर्ष में सबसे निचले स्तर पर हैं। एक दशक में दाम कभी भी 4500 से नीचे नहीं पहुंचे। अगले सप्ताह से किसान आंदोलन शुरू होगा। भारतीय किसान संघ का मालवा प्रांत सम्मेलन पांच सितंबर को इंदौर में होगा। इससे पहले सोयाबीन पर शनिवार-रविवार को संघ ने बैठक बुलाई है। प्रांत सम्मेलन के पहले घटे दामों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होगा। 15 सितंबर से खरीफ का नया सोयाबीन भी आने लगेगा। किसान भयभीत हैं

जानिए-कितने प्रकार की होती है पेंशन?

कि तब तो दाम रसातल में पहुंच जाएंगे। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रुपये निर्धारित है, तो किसानों के लिए दाम कम क्यों? नकदी फसल होने से सरकार इसकी खरीद नहीं करती। उपज बाजार में ही बेचनी पड़ती है। किसान थक चुके हैं कि कब तक उपज संभालकर रखें। संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि सरकार ने आयात शुल्क घटाकर सोयाबीन तेल विदेश से मंगवाया।

दोस्तों आपके लिए एक जानकारी है अगर आप भी भारत के नागरिक हैं तो आपको हमारे Whatsapp Channel से जरूर जुड़ना चाहिए क्योंकि भारत की जितनी भी लेटेस्ट न्यूज़ , सरकारी नौकरी या कोई अन्य नौकरी या किसी भी प्रकार की सरकारी योजना है किसी भी प्रकार का अपडेट आपको Whatsapp Channel के माध्यम से आसान भाषा में दिया जाता है और वेबसाइट के माध्यम से भी दिया जाता है तो आप चाहें तो नीचे दिए गए लिंक के जरिए से जुड़ सकते हैं।

यहां किसानों की सोयाबीन बिक नहीं रही है। जबकि विदेशी तेल महंगे दामों पर उपभोक्ताओं को खरीदना पड़ रहा है। सरकार की नीति गलत है। पूरे प्रदेश के 20 किसान संगठन इस मुद्दे पर आंदोलन के लिए सहमति दे चुके हैं। सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदेश भर में आंदोलन चलाया जाएगा और सरकार की भेदभाव पूर्ण नीतियों से आम जनता को अवगत कराया जाएगा।

 

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag