Indore News: भाजपा कटोल, सावनेर, हिंगना, उमरेड, नागपुर, दक्षिण पश्चिम, नागपुर दक्षिण, नागपुर पूर्व, नागपुर मध्य, नागपुर पश्चिम, नागपुर उत्तर, कामठी, रामटेक विधानसभा सीटों पर महायुति सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ेगी, इसलिए भाजपा को टिकट वितरण पर कड़ी मेहनत करनी होगी।
कांग्रेस महाराष्ट्र के विदर्भ बेल्ट में अपना पैर जमाना चाहती है जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस यहां मजबूती से उभरी है। अब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस बार विदर्भ में भाजपा की राह आसान नहीं दिख रही है। लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। विदर्भ की दस लोकसभा सीटों में से भाजपा सिर्फ दो सीटें ही जीत सकी थी। इन परिस्थितियों के बीच भाजपा के लिए टिकट चयन और वितरण के बीच विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करना बड़ी चुनौती है।
इससे निपटने के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को नागपुर की 12 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। वे दो बार नागपुर का दौरा कर चुके हैं और मैराथन बैठकें कर विदर्भ की राजनीति का मिजाज समझने की कोशिश कर रहे हैं। वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मिल चुके हैं। विजयवर्गीय काबिल चेहरों पर फोकस कर रहे हैं। इस बार नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
12 सीटें भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट से विधायक हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी नागपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। नागपुर आरएसएस का मुख्यालय भी है। इस लिहाज से नागपुर की 12 सीटें भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय हैं।
भाजपा महायुति सहयोगियों के साथ कटोल, सावनेर, हिंगना, उमरेड, नागपुर, दक्षिण पश्चिम, नागपुर दक्षिण, नागपुर पूर्व, नागपुर मध्य, नागपुर पश्चिम, नागपुर उत्तर, कामठी, रामटेक विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसलिए भाजपा को पहले टिकट वितरण पर काम करना होगा।
इन 12 सीटों पर टिकटों के चयन पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। भाजपा के पास छह विधानसभा सीटें हैं। जिनमें से चार तीन विधायक एंटी इनकंबेंसी फैक्टर का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस के पास पांच, जबकि रामटेक सीट से निर्दलीय आशीष जायसवाल चुनाव जीते हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में नागपुर जिले में भाजपा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। भाजपा ने 12 में से 11 सीटों पर कब्जा किया था और नागपुर सीट से चुनाव जीतने वाले देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने थे।
ऑपरेशन छिंदवाड़ा विजय के बाद नागपुर की जिम्मेदारी
लोकसभा चुनाव में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की जिम्मेदारी दी गई थी। वर्ष 2019 में मोदी लहर में भी भाजपा यह सीट नहीं जीत पाई थी। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ इस सीट से चुनाव हार गए थे।
कांग्रेस ने उपचुनाव में इस जिले की एक विधानसभा सीट भी गंवा दी थी। नागपुर की कुछ सीटें छिंदवाड़ा जिले के सीमावर्ती इलाकों से सटी हुई हैं। इस कारण विजयवर्गीय को नागपुर के क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को समझने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।