Bhopal News: जिससे सिर के ट्यूमर और गर्दन के कैंसर का पता लगाया जा सके। कैंसर का पता लगाया गया। कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की समय पर पहचान नहीं होने से यह शरीर में तेजी से फैलती है।
कैंसर का पता लगाने के लिए पूरी दुनिया में अलग-अलग शोध चल रहे हैं। राजधानी भोपाल स्थित एम्स और एम्स की संयुक्त टीम ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसका इस्तेमाल करते हुए डिपार्टमेंट ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे सिर के ट्यूमर और गर्दन के कैंसर का पता लगाया जा सके। खास बात यह है कि इस टीम का चयन टिकटिक रेलवे जापान और मद्रास बात के कृष्णा गोपालन देशपांडे सेंटर (जीडीसी) ने टिकटिक्स एक्सेल टे टेरेटर प्रोग्राम 2024 के लिए किया है।
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यह टीम 14 अगस्त को भोपाल से मद्रासेगी और वहां अपना शोध प्रस्तुत करेगी। यह तकनीक रेडियोथेरेपी में रिवोल्यूशनरी बदलाव ला सकती है, जिससे ट्यूमर की पहचान करने की प्रक्रिया तेज और निर्धारित होगी। यह तकनीक दुनिया में कहीं भी उपलब्ध नहीं है। इस परियोजना के तहत टीम ने मद्रास में मियामी के वर्कशॉप में भाग लिया, जहां वे अपनी तकनीक में सुधार करेंगे और इसका व्यावसायिक उपयोग के तरीके खोजेंगे। तकनीक के आने से कैंसर का इलाज आसान हो जाएगा। एम्स भोपाल के रेडियोओपेल विभाग के डॉ. पसरीचा ने अमर उजाला को बताया कि हमारी टीम ने इस तकनीक पर काम किया है और इसे विश्व मंच पर इस्तेमाल करने के लिए रेलवे जापान और मद्रास मद्रास के गोपालकृष्णन देशपांडे सेंटर के लिए आमंत्रित किया है।
जानकारी के लिए बताएं कि इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व एम्स भोपाल के रेडियो विभाग के डॉ. पसरिचा कर रहे हैं। उनकी टीम में मेडिकल फिज़िस्ट अवनीश मिश्रा, रेजिडेंट डॉक्टर श्रीनिवास रेड्डी और डॉक्टर अरविंद शामिल हैं, जिनमें एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक प्रो. अजय सिंह ने टीम के चयन पर जोर देते हुए कहा कि यह एम्स भोपाल और एमएसएटीओ भोपाल के सहयोग से विकसित की गई नई तकनीक का दावा है। होटल आधारित सोल्यूशन रेडियोस्टैटिक और ज्वालामुखी के उपचार के सर्वोत्तम परिणाम होंगे।
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हमारा मानना है कि यह प्रोजेक्ट कैंसर के इलाज के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित होगा। जटिल उपचार में उपयोग वाले आधुनिक उपकरण एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने कहा कि हमें अपनी सोच को हकीकत में बदलना चाहिए, ताकि छात्रों की पीड़ा कम हो सके। हम सभी कैदियों के इलाज में कुछ ऐसा करेंगे, जिससे बदल जाएगी उनकी जिंदगी। इस एकीकृत जटिल उपचार में उपयोग किए जाने वाले आधुनिक उपकरणों को विकसित करने में मदद मिलेगी। आने वाले समय में हम सभी सामूहिक रूप से एम्स भोपाल से मध्य भारत में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में विकसित होना चाहते हैं और प्रभावशाली होना चाहते हैं।