इस हाईवे से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। 9 किलोमीटर एलिवेटेड रोड के नीचे जानवरों की आवाजाही के लिए अंडरपास बनाए गए हैं। हाईवे के इस हिस्से के निर्माण के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दो बार इसका निरीक्षण भी किया था।
मध्य प्रदेश के सिवनी में 960 करोड़ की लागत से बने NH-44 का 28 किलोमीटर का हिस्सा जर्जर हो चुका है। उद्घाटन के महज तीन साल बाद ही जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं, हाईवे के दो हिस्सों में सड़क इस तरह से टूट गई है कि 50 मीटर हिस्से पर बैरिकेडिंग करके मरम्मत की जा रही है।
पेंच टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले हाईवे के 28 किलोमीटर हिस्से के निर्माण में 960 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह हाईवे 2021 में इसलिए चर्चा में आया क्योंकि यह देश का पहला साउंडप्रूफ हाईवे है, जिसके दोनों तरफ खास मेटल शीट लगाई गई है ताकि वाहनों की आवाज जंगल तक न पहुंचे।
इस हाईवे से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। 9 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड के नीचे जानवरों की आवाजाही के लिए अंडरपास बनाए गए हैं। हाईवे के इस हिस्से के निर्माण के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दो बार इसका निरीक्षण भी किया था, लेकिन इसके बावजूद हाईवे की खस्ताहालत की तस्वीरें बहुत कुछ बयां कर रही हैं।
कंपनी और एनएचएआई सवालों के घेरे में सड़क पर कई जगह इतने गड्ढे हैं कि यात्रियों को टेढ़े-मेढ़े होकर गुजरना पड़ता है। हाईवे के कुछ हिस्सों में तो यह पता ही नहीं चलता कि सड़क के बीचों-बीच गड्ढे हैं या गड्ढों के बीच कहीं सड़क है। हाईवे की इस खस्ता हालत के लिए न सिर्फ निर्माण कंपनी बल्कि नितिन गडकरी के अधीन काम करने वाली एनएचएआई पर भी सवाल उठ रहे हैं।
मामला मीडिया में आने पर एक जगह मरम्मत का काम शुरू हो गया है। फिलहाल एक हिस्से से ट्रैफिक गुजर रहा है। बड़ा सवाल यह उठता है कि उद्घाटन के इतने कम समय में इस हाईवे पर गड्ढे कैसे हो गए।