- 'यह व्यावहारिक नहीं है, सरकार राजनीतिक हथकंडे अपना रही है', 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के मुद्दे पर बोली कांग्रेस

'यह व्यावहारिक नहीं है, सरकार राजनीतिक हथकंडे अपना रही है', 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के मुद्दे पर बोली कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि सूत्रों के आधार पर खबरें चलाना, चुनिंदा सूचनाएं लीक करना, समाचार चैनलों में चलाना, व्हाट्सएप के जरिए रिपोर्टिंग करना, यह बकवास बंद होनी चाहिए। लेकिन यह जारी है और यह सब इस सरकार के 100 दिनों में हो रहा है। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार व्यावहारिक नहीं है और कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार स्थिति को भांपने के लिए केवल राजनीतिक इशारे कर रही है, लेकिन चुनिंदा सूचनाएं लीक करके वह कितने समय तक टिकेगी। विपक्षी दल का यह बयान उन खबरों के बाद आया है जिनमें कहा गया है कि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' लागू कर सकती है।

 

 

 कांग्रेस ने कहा कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का कोई मसौदा प्रस्ताव नहीं है और सरकार ने इस मुद्दे पर विपक्षी दलों से बात करने का कोई प्रयास नहीं किया है। सूत्रों ने रविवार को कहा कि भाजपा नीत एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' लागू करेगी और उसे उम्मीद है कि सभी दल चुनाव सुधार के इस बड़े मुद्दे का समर्थन करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने से कुछ दिन पहले यह जानकारी सामने आई है।

सरकार मीडिया में खबरें प्लांट कर रही है: कांग्रेस

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एनडीए सरकार के मौजूदा कार्यकाल में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' लागू होने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, 'आपने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा, मैं यहां कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक प्रवक्ता हूं जो मोदी सरकार की कई विफलताओं को उजागर कर रही हूं। चुनिंदा सूचनाएं लीक करके यह सरकार कब तक टिकी रहेगी? देश की वास्तविक समस्याओं से आंखें मूंदकर यह सरकार कब तक टिकी रहेगी। मीडिया में खबरें प्लांट करके यह सरकार कब तक टिकी रहेगी।'

 

 

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'वास्तविकता यह है कि एक राष्ट्र, एक चुनाव से संबंधित कोई मसौदा नहीं आया है, कोई चर्चा नहीं हुई है, राज्य विधानसभाएं चल रही हैं, सरकार ने हमसे बात करने का कोई प्रयास नहीं किया है। ऐसा करना बिल्कुल भी व्यावहारिक नहीं है लेकिन सरकार को बात करनी होगी। सूत्रों के आधार पर खबरें चलाना, चुनिंदा सूचनाएं लीक करना, न्यूज चैनलों पर चलाना, व्हाट्सएप के जरिए रिपोर्टिंग करना, ये बकवास बंद होनी चाहिए। लेकिन ये जारी है और इस सरकार के 100 दिनों में यही हो रहा है।'

'एक राष्ट्र एक चुनाव' है भाजपा का मुख्य चुनावी वादा

'एक राष्ट्र, एक चुनाव' भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में किए गए प्रमुख वादों में से एक है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति ने इस साल मार्च में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इसने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराने का भी सुझाव दिया गया है। इसके अलावा 22वें विधि आयोग ने भी सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है।

 

 

 

 विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में 2029 से लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों (नगरपालिका और पंचायत) के चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की है। अगर किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है, या सरकार अल्पमत में आ जाती है, तो ऐसी स्थिति में विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में गठबंधन सरकार के गठन का प्रस्ताव रखा है। वहीं, रामनाथ कोविंद समिति ने अपनी रिपोर्ट में एक साथ चुनाव कराने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की है। पैनल ने 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश की है, जिनमें से अधिकांश के लिए राज्य विधानसभाओं के समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, इसके लिए कुछ संविधान संशोधन विधेयकों की आवश्यकता होगी जिन्हें संसद द्वारा पारित किया जाना होगा।

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