- एफएटीएफ रिपोर्ट का दावा, भारत का आभूषण क्षेत्र मनी लॉन्ड्रिंग के प्रति संवेदनशील

एफएटीएफ रिपोर्ट का दावा, भारत का आभूषण क्षेत्र मनी लॉन्ड्रिंग के प्रति संवेदनशील

पेरिस स्थित वैश्विक संस्था ने भारत के लिए जारी अपनी मूल्यांकन रिपोर्ट में कहा है कि देश में इस सेक्टर के आकार को देखते हुए कीमती आभूषणों की तस्करी और लेन-देन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए।

 

आर्थिक अपराधों को रोकने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने भारत के आभूषण सेक्टर को लेकर बड़ा दावा किया है। एफएटीएफ ने कहा है कि भारत के इस सेक्टर का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में धन ट्रांसफर करने के लिए किया जा सकता है। संस्था ने ट्रांसफर किए जा रहे धन को ट्रैक करने में होने वाली दिक्कतों का भी जिक्र किया है। एफएटीएफ ने आशंका जताई है कि इसका इस्तेमाल आतंकवाद के लिए किया जा सकता है।

 

 

पेरिस स्थित वैश्विक संस्था ने भारत के लिए जारी अपनी मूल्यांकन रिपोर्ट में कहा है कि देश में इस सेक्टर के आकार को देखत हुए कीमती आभूषणों की तस्करी और लेन-देन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए।

9.5 हजार सदस्य ही पंजीकृत हैं

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रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में करीब 1 लाख 75 हजार कीमती धातुओं के डीलर हैं, लेकिन इसकी शीर्ष संस्था रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद में सिर्फ 9,500 सदस्य ही पंजीकृत हैं। आपको बता दें कि भारत में रत्न व्यापार के निर्यात या आयात के लिए जीजेईपीसी का सदस्य होने का प्रमाण पत्र और कर पंजीकरण जरूरी है। एफएटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा समय में कीमती धातुओं के अलावा मानव तस्करी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कई खतरे हैं।

एफएटीएफ ने की भारत की तारीफ

इस रिपोर्ट में ही एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ भारत के प्रयासों की तारीफ की है। एफएटीएफ की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए भारत द्वारा लागू किए गए उपाय काफी कारगर हैं। हालांकि, एफएटीएफ ने माना है कि इन मामलों में अभियोजन को मजबूत करने के लिए बड़े सुधारों की जरूरत है।

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