दिल्ली पुलिस ने लोगों को ठगने वाले एक ऐप का भंडाफोड़ किया है। इस ऐप ने 30 हजार से ज्यादा लोगों को ठगा है। इस मामले में सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर फुकरा इंसान, एल्विश यादव, लक्ष्य चौधरी, पूरव झा को नोटिस भी भेजा गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएस यूनिट ने हाईबॉक्स एप्लीकेशन के जरिए गारंटीड रिटर्न देने के मामले में निवेशकों को ठगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस हाईबॉक्स घोटाले से जुड़े दो मामलों की आईएफएस टीम जांच कर रही है।
हाईबॉक्स एप्लीकेशन मामले में पुलिस को अब तक 151 शिकायतें मिली थीं। जिन पर पुलिस ने कार्रवाई भी की है। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर उसके 4 बैंक खाते सीज कर दिए हैं, इन खातों में 18 करोड़ रुपये जमा पाए गए हैं। 30 हजार से ज्यादा लोगों से ठगी दिल्ली पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी पर हाईबॉक्स मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए 30 हजार से ज्यादा लोगों से ठगी करने का आरोप है। दरअसल गिरफ्तार आरोपी इस मोबाइल ऐप के जरिए निवेशकों को रोजाना 1 से 5 फीसदी तक ब्याज का लालच देकर फंसाता था।
इतना ही नहीं, गिरफ्तार आरोपी निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कई इंफ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स से इस ऐप में निवेश करने के लिए विज्ञापन भी दिलवाते थे। इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कई सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स को नोटिस भी जारी किया है। इनमें यूट्यूबर्स/सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर अभिषेक मल्हान उर्फ फुकरा इंसान, एल्विश यादव, लक्ष्य चौधरी, पूरव झा के नाम शामिल हैं।
दरअसल, 16 अगस्त को 29 अलग-अलग पीड़ितों ने दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट में शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि हाईबॉक्स ऐप में 1 फीसदी से 5 फीसदी तक रोजाना और महीनेवार गारंटीड रिटर्न का वादा कर उनके पैसे ठगे गए हैं।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी लोगों को आकर्षित करने के लिए कई मशहूर हस्तियों से ऐप का विज्ञापन करवाते थे। आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर्स में सौरव जोशी, अभिषेक मलहान उर्फ फुकरा इंसान, पूरव झा, एल्विश यादव, रिया चक्रवर्ती, भारती सिंह (कॉमेडियन), हर्ष लिंबाचिया (भारती सिंह के पति), लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, अमित उर्फ क्रेजी एक्सवाईजेड और दिलराज सिंह रावत उर्फ इंडियन हैकर शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में इसी साल अगस्त महीने में एफआईआर दर्ज की थी जिसमें 9 पीड़ितों की शिकायतें जोड़ी गई थीं। इसके बाद दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले से 30, शाहदरा जिले से 24 और बाहरी जिले से 35 शिकायतें भी बाद में जोड़ी गईं। इतना ही नहीं, इसी तरह की धोखाधड़ी की करीब 488 शिकायतें बाद में एनसीआरबी पोर्टल पर भी जोड़ी गईं। मामले की गंभीरता और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की भूमिका को देखते हुए दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट ने पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई और उस टीम ने इस धोखाधड़ी मामले में शामिल गेटवे और बैंक खातों के बारे में जानकारी जुटाई।
जांच के दौरान दिल्ली पुलिस को पता चला कि धोखाधड़ी की रकम EASEBUZZ और PhonePe के पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल करके दूसरे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई थी। इसके बाद पुलिस की जांच में 4 अलग-अलग बैंक खातों की जानकारी सामने आई। इन बैंक खातों का इस्तेमाल धोखाधड़ी के जरिए ठगी गई रकम को निकालने के लिए किया गया और इसके बाद पुलिस ने इस मामले में आरोपी जे शिवराम को गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आरोपियों द्वारा पीड़ितों से ठगी गई करीब 18 करोड़ रुपये की रकम सतरुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के 4 अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराई गई थी। दरअसल आरोपियों ने तमिलनाडु के चेन्नई के न्यू वाशरमैनपेट में सतरुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक ऑफिस किराए पर ले रखा था।
दरअसल, हाईबॉक्स नाम का एक मोबाइल ऐप है जिसके जरिए आरोपी निवेशकों का पैसा निवेश करके ठगी करता था। इस ऐप के जरिए वह निवेशकों को हाई रिटर्न का लालच देता था और निवेशकों को हाईबॉक्स ऐप की तरफ आकर्षित करने के लिए आरोपी ने कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर्स की मदद भी ली थी। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, जब हाईबॉक्स प्लेटफॉर्म आवेदक के पैसे वापस नहीं कर पाया तो आरोपी ने अपना नोएडा ऑफिस बंद कर दिया। दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट ने अब पूरे मामले की जांच के लिए इन सभी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर्स को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है।