लोगों के लिए यह थोड़ा चौंकाने वाला था। दर्शकों को उम्मीद थी कि वह हम आपके हैं कौन का चयन करेंगे। लेकिन पाकिस्तान पर कटाक्ष करने का कोई मौका न चूकने वाले एस जयशंकर ने कूटनीति का रास्ता चुना।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा की खूब चर्चा हो रही है। वह एससीओ बैठक में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद जाएंगे। इस यात्रा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस दौरान पाकिस्तान से कोई चर्चा नहीं होगी। जयशंकर से पूछा गया कि 'हम आपके हैं कौन' और 'हम साथ-साथ हैं' जैसी हिंदी फिल्मों के कौन से शीर्षक भारत-पाकिस्तान संबंधों को सही ढंग से दर्शाते हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पहले मुझे वहां से वापस आने दो, फिर आप इसके बारे में पूछिए।
असमिया न्यूज चैनल द्वारा आयोजित प्रतिदिन टाइम कॉन्क्लेव में जयशंकर ने कहा, "मेरे लौटने के बाद मुझसे यह पूछिए।" विदेश मंत्री ने कहा: "आप जानते हैं कि मैं पाकिस्तान जा रहा हूं। मैं अभी उस फिल्म का शीर्षक नहीं बताऊंगा। मेरे लौटने के बाद मुझसे पूछिए। मैं बताऊंगा।" लोगों के लिए यह थोड़ा चौंकाने वाला था। दर्शकों को उम्मीद थी कि वे 'हम आपके हैं कौन' चुनेंगे। लेकिन पाकिस्तान पर कटाक्ष करने का कोई मौका न चूकने वाले एस जयशंकर ने कूटनीति का रास्ता चुना।
आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस में शासन पर सरदार पटेल व्याख्यान देने के बाद, जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए इस्लामाबाद की अपनी यात्रा के दौरान पाकिस्तान के साथ किसी भी द्विपक्षीय बैठक की संभावना से इनकार किया था। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि मीडिया इसमें बहुत दिलचस्पी लेगा क्योंकि यह रिश्ते की प्रकृति है और मुझे लगता है कि हम इससे निपट लेंगे। लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि यह एक बहुपक्षीय कार्यक्रम होगा।"
जयशंकर ने कहा, "मेरा मतलब है कि मैं भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने के लिए वहां नहीं जा रहा हूं। मैं एससीओ का एक अच्छा सदस्य बनने के लिए वहां जा रहा हूं। चूंकि मैं एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हूं, इसलिए मैं उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा।" आपको बता दें कि जयशंकर 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में एससीओ शासनाध्यक्षों की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले हैं।
आमतौर पर प्रधानमंत्री उच्च स्तरीय राष्ट्राध्यक्षों की बैठकों में भाग लेते हैं और शासनाध्यक्षों की बैठकों में भारतीय पक्ष का नेतृत्व कोई मंत्री करता है। दिसंबर 2015 के बाद से यह किसी भारतीय मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा होगी। जयशंकर से पहले सुषमा स्वराज अफगानिस्तान पर हार्ट ऑफ एशिया मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए वहां गई थीं।