बंगाल दुर्गा पूजा कोलकाता में हर साल धूमधाम से दुर्गा पूजा मनाई जाती है, लेकिन इस साल उत्सव के साथ एक खास संवेदनशीलता जुड़ी हुई है। आरजी कर अस्पताल की घटना के खिलाफ न्याय की मांग और समाज में बदलाव की आवाज बुलंद है। पर्यावरण, सामाजिक भेदभाव और महिला सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर आधारित थीम विभिन्न पूजा पंडालों में दिखाई दे रही हैं।
कोलकाता। आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता की घटना ने सभी को झकझोर दिया है, लेकिन इसने समाज को अभूतपूर्व तरीके से एकजुट भी किया है। मृतका के परिवार के लिए न्याय की मांग को लेकर अनगिनत लोग सड़कों पर उतर आए। जुलूस निकाले गए, धरने दिए गए, बैठकें की गईं। देश और दुनिया ने आंदोलन का एक नया रूप देखा, जो अभी भी जारी है।
इन सबके बीच आदिशक्ति का आगमन हुआ है। दुर्गा पूजा का मतलब है सार्वजनिक जीवन में अथक उत्साह का संचार, अमिट ऊर्जा का प्रसार। देवीपक्ष की शुरुआत के साथ ही सभी के मन में एक नई उम्मीद जगी है कि महिषासुरमर्दिनी आएंगी और अब समाज के महिषासुरों का नाश करेंगी। आंदोलन के बीच पूरा बंगाल दुर्गामय हो गया है।