ग्वालियर के कालरा अस्पताल में 8 मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन मुफ्त में किया गया। इसके बाद उनकी आंखों की रोशनी चली गई। इधर अस्पताल का कहना है कि ऑपरेशन के बाद मरीजों को कई सावधानियां बरतने को कहा जाता है, तो क्या उन्होंने इसका ध्यान रखा है या नहीं।
गोरमी के कृपाण का पुरा स्थित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल परिसर में 9 दिसंबर को आयोजित निशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले आठ मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है। यह ऑपरेशन ग्वालियर के कालरा हॉस्पिटल में हुआ था।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ऑपरेशन के बाद मरीजों को कुछ दिन तक धुएं से दूर रहने और अन्य सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है, हो सकता है कि इन मरीजों ने सावधानियां नहीं बरतीं। बताया जाता है कि कालरा हॉस्पिटल के तत्वावधान में आयोजित शिविर में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित कालरा, डॉ. अजय शर्मा और उनकी टीम ने 50 मरीजों की आंखों की जांच की और आठ को ऑपरेशन के लिए चिह्नित किया।
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कैंप खत्म होने के बाद चिन्हित मरीजों को कालरा हॉस्पिटल यूनिवर्सिटी रोड थाटीपुर ग्वालियर ले जाकर ऑपरेशन किया गया। बुधवार को मरीज और उनके परिजन डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत लेकर गोरमी थाने पहुंचे। उनका कहना है कि ऑपरेशन के बाद जब हमने डॉक्टर को अपनी आंखों की रोशनी चले जाने की बात बताई तो उन्होंने हमारी शिकायत को अनसुना कर दिया और आंखों में ड्रॉप डालने को कहा।
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पहले आंखों से थोड़ा-बहुत दिखाई देता था, लेकिन अब पूरी तरह से दिखाई देना बंद हो गया है। गोरमी के रामनाथ कॉलेज में चपरासी और छपरा निवासी चिरौंजी लाल संखवार ने बताया कि उन्होंने डॉक्टर से कहा था कि उन्हें दाईं आंख से कम दिखाई देता है और उस आंख का ऑपरेशन करना होगा, लेकिन डॉक्टर ने उनकी बाईं आंख का ऑपरेशन किया। इसलिए अब उनकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई है।
चिरौंजी लाल संखवार (60), राजवीर सिंह (45), चुन्नी बाई (65), भागीरथ (70), सभी छपरा निवासी, भूरीबाई (58) डोंगरपुरा, चमेलीबाई (60) ग्वालियर विक्रमपुरा महाराजपुरा।
ऑपरेशन के बाद जब पट्टी खोली जाती है, तो मरीज से पूछा जाता है कि अब कैसा दिखाई दे रहा है। मरीजों ने बताया कि उस समय तो वे आंखों से ठीक से देख पा रहे थे। लेकिन अब कैसे दिखाई देना बंद हो गया, यह समझ में नहीं आ रहा। ऑपरेशन के बाद मरीजों को कुछ दिन तक धूम्रपान से दूर रहने और अन्य सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है, संभव है कि इन मरीजों ने सावधानियां नहीं बरती हों। - डॉ. रोहित कालरा, एमबीबीएस एमएस, नेत्र रोग विशेषज्ञ, कालरा हॉस्पिटल ग्वालियर