रेल मंत्रालय ने एसी श्रेणी में प्रतीक्षा सूची की सीमा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत और गैर-एसी श्रेणी में 30 प्रतिशत कर दी है। इससे पहले 17 अप्रैल को जारी आदेश में सभी श्रेणियों के लिए यह सीमा 25 प्रतिशत थी, जिसे 16 जून से लागू किया गया था। मंत्रालय ने अब अपनी गलती सुधारते हुए प्रतीक्षा सूची की सीमा में संशोधन किया है।
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नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने शनिवार को जारी नए आदेश में सभी एसी श्रेणियों के लिए यात्रियों की प्रतीक्षा सूची की सीमा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत और गैर-एसी श्रेणियों के लिए 30 प्रतिशत कर दी है। सभी श्रेणियों के यात्रियों की प्रतीक्षा सूची को 25 प्रतिशत तक सीमित करने का आदेश मूल रूप से सभी जोनों के साथ-साथ रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) को 17 अप्रैल को जारी किया गया था। इसके बाद क्रिस ने आरक्षण प्रणाली में संशोधन कर इसे 16 जून से लागू कर दिया।
मंत्रालय को गलती का अहसास
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि यात्रा श्रेणियों की कुल सीटों/बर्थों के 25 प्रतिशत तक प्रतीक्षा सूची को सीमित करने के आदेश को लागू करने के महज 12 दिन बाद मंत्रालय को अपनी गलती का अहसास हो गया और उसने अपना फैसला लगभग वापस ले लिया।
रेल मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी परिपत्र में कहा गया है कि मामले की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि 17 अप्रैल के निर्देश के स्थान पर प्रतीक्षा सूची की वर्तमान अधिकतम सीमा को संशोधित कर क्रमश: एसी और नॉन एसी श्रेणियों के लिए कुल क्षमता का 60 प्रतिशत और 30 प्रतिशत किया जाएगा।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रतीक्षा सूची को यात्रा श्रेणियों की कुल सीटों/बर्थों के 25 प्रतिशत तक सीमित करने के आदेश को लागू करने के महज 12 दिन बाद ही मंत्रालय को अपनी गलती का अहसास हो गया और उसने अपना फैसला लगभग वापस ले लिया।
रेल मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी परिपत्र में कहा गया कि मामले की समीक्षा की गई है और निर्णय लिया गया है कि 17 अप्रैल के निर्देश के स्थान पर वर्तमान अधिकतम प्रतीक्षा सूची की सीमा को संशोधित कर क्रमश: एसी और नॉन एसी श्रेणियों के लिए कुल क्षमता का 60 प्रतिशत और 30 प्रतिशत किया जाएगा।