प्रशांत किशोर ने एक बयान में कहा कि बिहार की जनता ने मन बना लिया है कि उन्हें लालू-नीतीश नहीं, बल्कि रोज़गार, शिक्षा और जन सुराज चाहिए।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने मधेपुरा के मुरलीगंज में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार की जनता ने मन बना लिया है कि उन्हें लालू-नीतीश नहीं, बल्कि रोज़गार, शिक्षा और जन सुराज चाहिए।
लालू यादव पर तंज
प्रशांत किशोर ने लालू यादव के पुराने रूप में दिखने पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार की जनता ने लालू जी के सभी रूप देख लिए हैं। उन्होंने कहा कि लालू यादव कभी गरीबों, पिछड़ों और यादवों के नेता थे, लेकिन अब वे केवल अपने परिवार के नेता हैं।
राहुल गांधी पर फिर हमला
पीके ने राहुल गांधी पर फिर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को राहुल गांधी और चुनाव आयोग के बीच चल रही लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें बताना चाहिए कि यहाँ कारखाना कब लगेगा और पलायन कब रुकेगा?
इससे पहले, प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी की 'मतदाता अधिकार यात्रा' पर तंज कसते हुए कहा था कि उनकी पदयात्रा ने इन नेताओं को सड़कों पर उतरने पर मजबूर कर दिया है। पीके ने दावा किया कि जन सुराज के बढ़ते प्रभाव का ही नतीजा है कि पिछले 20 सालों से जो पेंशन 400 रुपये थी, वह अब बढ़कर 1100 रुपये हो गई है और रसोइयों का वेतन भी दोगुना हो गया है। आशा का मानदेय बढ़ा है और 125 यूनिट तक बिजली मुफ़्त हो गई है।
पीके ने कहा था कि अब जनता का डर खत्म हो गया है। जनता के पास एक नया विकल्प है। यह जनता के विकल्प की ही ताकत है कि नेता सड़क पर घूम रहे हैं, और जनता बैठकर मूल्यांकन कर रही है कि किसे वोट देना है और किसे नहीं?