इस लिस्ट में सबसे ऊपर महाराष्ट्र विधानसभा में घाटकोपर ईस्ट से BJP MLA पराग शाह हैं। उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹3,383 करोड़ आंकी गई है।
भारतीय राजनीति में MLAs की संपत्ति हमेशा से चर्चा का विषय रही है। एसोसिएशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक हालिया रिपोर्ट में 28 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के 4,092 MLAs की संपत्ति का आकलन किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, देश के सबसे अमीर और सबसे गरीब MLAs के बीच पैसे का बड़ा अंतर है।
देश के सबसे अमीर MLAs कौन हैं?
इस लिस्ट में सबसे ऊपर महाराष्ट्र विधानसभा में घाटकोपर ईस्ट से BJP MLA पराग शाह हैं। उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹3,383 करोड़ आंकी गई है। BJP नेता पराग शाह मुंबई में घाटकोपर ईस्ट निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले दो बार के MLA हैं।
पराग गुजराती जैन हैं और उनके पास कॉमर्स में बैचलर डिग्री है। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, वह 1991 में अपने परिवार के कंस्ट्रक्शन बिज़नेस में शामिल हो गए। बाद में वह एक सफल रियल एस्टेट डेवलपर बन गए। 2002 में, उन्होंने मैन इंफ्राकंस्ट्रक्शन लिमिटेड की स्थापना की, जो 2010 में लिस्ट हुई।
इसके बाद, कांग्रेस के डी.के. शिवकुमार (कर्नाटक) ₹1,413 करोड़ की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं। कर्नाटक के के.एच. पुट्टास्वामी गौड़ा (स्वतंत्र) ₹1,267 करोड़ की संपत्ति के साथ तीसरे स्थान पर हैं, जबकि प्रिय कृष्णा (कांग्रेस, कर्नाटक) ₹1,156 करोड़ की संपत्ति के साथ चौथे स्थान पर हैं। एन. चंद्रबाबू नायडू (तेलुगु देशम पार्टी, आंध्र प्रदेश) ₹931 करोड़ की अनुमानित संपत्ति के साथ पांचवें स्थान पर हैं।
देश का सबसे गरीब MLA कौन है?
रिपोर्ट के अनुसार, देश का सबसे गरीब MLA निर्मल कुमार धारा (BJP, पश्चिम बंगाल) है। उनकी कुल संपत्ति सिर्फ़ ₹1,700 दर्ज है।
किस राज्य में सबसे अमीर MLA हैं?
दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक और आंध्र प्रदेश अमीर MLAs के लिए हॉटस्पॉट हैं। कर्नाटक में, 31 MLAs की कुल संपत्ति ₹14,179 करोड़ आंकी गई है। महाराष्ट्र में, लगभग 286 MLAs की कुल संपत्ति ₹12,424 करोड़ आंकी गई है। आंध्र प्रदेश में लगभग 27 सबसे अमीर MLA हैं, जिनकी कुल संपत्ति ₹14,179 करोड़ है।
किस पार्टी के MLA सबसे अमीर हैं?
कुल 1,653 MLAs वाली BJP के पास हर MLA की औसत संपत्ति ₹15.89 करोड़ है। वहीं, 646 MLAs वाली कांग्रेस के पास हर MLA की औसत संपत्ति ₹26.86 करोड़ है। इसका मतलब है कि BJP के MLAs की संख्या ज़्यादा है, जबकि कांग्रेस के MLAs की औसत संपत्ति ज़्यादा है।