शिमला में अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के चार नए लेबर कोड से मज़दूरों को समय पर मज़दूरी मिलेगी और उनकी ज़िंदगी बेहतर होगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर लोकसभा सीट से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार लेबर कोड को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि ये बदलाव देश के मेहनती मज़दूरों का सम्मान करने और उन्हें मज़बूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। ये उनके आत्म-सम्मान को बढ़ावा देते हैं और एक सुरक्षित ज़िंदगी की गारंटी देते हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा, "भारत के मज़दूर इस देश की रीढ़ हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 के विज़न को तेज़ करते हुए, भारत सरकार ने लेबर सेक्टर में बड़े बदलावों की दिशा में कदम उठाए हैं, और चार नए लेबर कोड लागू करने की घोषणा की है: वेज कोड (2019), इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड (2020), सोशल सिक्योरिटी कोड (2020), और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (2020)।" उन्होंने कहा, "मोदी सरकार का यह फैसला न सिर्फ लेबर कानूनों को मॉडर्न बनाएगा, बल्कि मज़दूरों के अधिकारों की सुरक्षा, इंडस्ट्रीज़ की कॉम्पिटिटिवनेस और एक आत्मनिर्भर भारतीय इकॉनमी बनाने को भी मज़बूत करेगा। यह सिर्फ एक कानूनी बदलाव नहीं है, बल्कि ऑर्गनाइज़्ड से लेकर अनऑर्गनाइज़्ड मज़दूरों और गिग वर्कर्स तक, हर मज़दूर के लिए एक सुरक्षित और इज्ज़तदार ज़िंदगी की गारंटी है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसका सीधा मकसद यह पक्का करना है कि हर मज़दूर को सम्मान, सुरक्षा और समय पर पेमेंट मिले। न्यू इंडिया के मज़दूर लाचार नहीं, बल्कि मज़बूत हैं। अब, अपनी बहादुरी और जोश भरी कोशिशों से, हमारे मज़दूर एक न्यू इंडिया – एक डेवलप्ड इंडिया बनाने में योगदान देंगे।"
मकसद मज़दूरों की ज़िंदगी को बेहतर बनाना है। अनुराग ठाकुर ने कहा, "मोदी सरकार के नए लेबर कानूनों का मकसद सिर्फ वर्कर्स की ज़िंदगी को बेहतर बनाना और कंपनियों के लिए काम करना आसान बनाना है। मोदी सरकार ने नए लेबर कानूनों में वर्कर्स के हितों को प्राथमिकता दी है। इनमें सैलरी से लेकर रिटायरमेंट तक के नियमों में बड़े बदलाव शामिल हैं, जैसे परमानेंट कर्मचारियों जैसे हक, एक साल के अंदर ग्रेच्युटी, सैलरी की नई परिभाषा, समय पर सैलरी, अपॉइंटमेंट लेटर, मिनिमम सैलरी, ओवरटाइम के लिए डबल सैलरी, कानूनी अधिकार, परिवार का दायरा बढ़ाना, जेंडर के आधार पर भेदभाव खत्म करना और ट्रांसजेंडर लोगों को शामिल करना, फ्री हेल्थ चेकअप और इंस्पेक्टर राज खत्म करना।"
उन्होंने आगे कहा, "मोदी सरकार की कोशिश है कि वर्कप्लेस पर वर्कर्स का शोषण खत्म हो, समय पर पेमेंट पक्का हो और सुरक्षित वर्कप्लेस हों। इसके अलावा, कंपनियों को गैर-जरूरी कानूनी उलझनों से आज़ाद किया गया है ताकि वे आसानी से अपना बिजनेस बढ़ा सकें। यह एक नए, मॉडर्न और आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत है।"
वर्कर्स को कानूनी सुरक्षा मिलेगी
अनुराग ठाकुर ने कहा कि नए कोड वर्कर्स के लिए सिस्टम को ट्रांसपेरेंट बनाएंगे। चाहे ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के एम्प्लॉई हों या अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर के वर्कर, सभी को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य यह पक्का करना है कि भारत के वर्कर न सिर्फ़ सुरक्षित हों बल्कि फाइनेंशियली भी मज़बूत हों।
उन्होंने कहा कि इन सुधारों से भविष्य में वर्करों को समय पर सैलरी, काम करने का बेहतर माहौल, सोशल सिक्योरिटी और कानूनी सुरक्षा मिलेगी। कंपनियों के लिए नियम भी आसान किए जाएंगे, जिससे रोज़गार के नए मौके बनेंगे।