इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने रविवार को कहा कि एयरलाइन आज लगभग 1650 उड़ानें ऑपरेट कर रही है और धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं।
यह इंडिगो में ऑपरेशनल संकट का लगातार छठा दिन है। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने आज, रविवार को फिर से 650 उड़ानें रद्द कर दीं। हालांकि, कंपनी आज के लिए शेड्यूल की गई 2300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में से 1650 उड़ानें ऑपरेट कर रही है। इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने रविवार को कहा कि इंडिगो यात्रियों को अब तक कुल 610 करोड़ रुपये का रिफंड मिल चुका है। इसके अलावा, इंडिगो ने देश भर में यात्रियों को 3000 से ज़्यादा बैग भी सौंप दिए हैं।
शुक्रवार को 1000 से ज़्यादा उड़ानें रद्द की गईं
इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने रविवार को कहा कि एयरलाइन आज लगभग 1650 उड़ानें ऑपरेट कर रही है और धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडिगो ने आज अपने सिस्टम में और सुधार किए हैं। CEO ने कहा, "हम अब शुरुआती स्टेज में ही उड़ानें रद्द कर रहे हैं ताकि जिन यात्रियों की उड़ानें रद्द हो रही हैं, वे एयरपोर्ट तक न पहुंचें।" गौरतलब है कि शनिवार को इंडिगो की 800 से ज़्यादा उड़ानें रद्द की गईं थीं, जबकि कंपनी ने शुक्रवार को 1000 से ज़्यादा उड़ानें रद्द की थीं।
इंडिगो इतने बड़े संकट में कैसे फंसी?
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशनल संकट के कारण हजारों उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। नए नियमों के तहत पायलटों के ड्यूटी टाइम लिमिट में बदलाव और इंडिगो के "लीन-स्टाफिंग" मॉडल के कारण यह गंभीर संकट पैदा हुआ। DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) के नियमों में बदलाव किया। नए नियमों के तहत, पायलटों को हर हफ्ते दिए जाने वाले 36 घंटे के ब्रेक को बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया है, और रात में उड़ानों की संख्या दो तक सीमित कर दी गई है। नए नियमों से हर पायलट द्वारा ऑपरेट की जाने वाली उड़ानों की संख्या में काफी कमी आई। इंडिगो ने अपने एयरबस A320 फ्लीट के लिए 2,422 कैप्टन की ज़रूरत बताई थी, लेकिन उसके पास सिर्फ़ 2,357 ही उपलब्ध थे, और उसे फर्स्ट ऑफिसर की भी कमी का सामना करना पड़ा। इस कमी के कारण इंडिगो को रोज़ाना सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।