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दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय कुश्ती संघ से पूछा किस आधार पर विनेश और बजरंग को दी ट्रायल से छूट
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को बिना ट्रायल के एशियन गेम्स में भेजे जाने को लेकर भारतीय कुश्ती संघ से जवाब तलब किया है। अदालत ने दोनों पहलवानों को बिना ट्रायल के ही एशियन गेम्स में जाने वाली टीम के सदस्य के तौर पर चुनने के लिए संघ से आधार पूछा है। अदालत ने पूछा है कि आखिर संघ ने किस आधार पर इन्हें छूट दी है।
जानकारी के मुताबिक भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की तदर्थ समिति ने मंगलवार को ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और विश्व चैम्पियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट को एशियन गेम्स में सीधे प्रवेश दिया है। जिससे कई पहलवानों में समिति के फैसले के खिलाफ नाराजगी है। कई रेसलर्स और कोच समिति का यह फैसला पसंद नहीं आया। भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति ने एक परिपत्र में कहा कि उसने पहले ही पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं की 53 किग्रा में पहलवानों का चयन कर लिया है।
इसके बावजूद तीनों शैलियों में से सभी छह वजन श्रेणियों में ट्रायल आयोजित किए जाएंगे। तदर्थ समिति ने परिपत्र में बजरंग और विनेश का नाम नहीं लिया, लेकिन पैनल के सदस्य अशोक गर्ग ने पुष्टि की कि दोनों पहलवानों को ट्रायल से छूट दी गई है। ग्रीको-रोमन और महिलाओं के फ्रीस्टाइल ट्रायल 22 जुलाई को होने हैं, जबकि पुरुषों के फ्रीस्टाइल ट्रायल 23 जुलाई को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में होंगे। बजरंग 65 किग्रा वर्ग के चुनौती पेश करते हैं। वह डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने वाले छह पहलवानों में से एक हैं। वह इस समय किर्गिस्तान में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
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