-
पुलवामा में शहीद सैनिकों के 19 निकट परिजनों को मिली नौकरी
11 विधवाओं ने बच्चों के 18 साल पूरे होने तक रुकने को कहा
नई दिल्ली । पुलवामा हमला जम्मू-कश्मीर में सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक था, इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले में कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए। पुलवामा हमले को लेकर भारत ने भले ही बदला ले लिया हो, लेकिन जो जवान शहीद हो गए उनका परिवार हमेशा के लिए सूना हो गया। शहीद हुए जवानों के परिवार में से अभी कई लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिली हैं। वह अपनी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं।
अब मोदी सरकार से संसद में पुलवामा में शहीद हुए जवानों के परिवार को नौकरी नहीं मिलने पर सवाल किया उस पर केंद्र ने जवाब दिया हैं। मोदी सरकार ने बताया कि पुलवामा में 2019 में हुए आतंकवादी हमले में शहीद जवानों में से करीब एक दर्जन की विधवाओं को उनकी संतान के 18 वर्ष की आयु पूरा करने की प्रतीक्षा है,ताकि वे सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकें। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि घटना में शहीदों के 19 निकट परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जा चुकी है और तीन को नौकरी दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। पुलवामा में एक फरवरी 2019 की आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 कर्मियों की जान गई थी। राय ने बताया कि 11 विधवाओं ने अपनी संतान के 18 वर्ष का हो जाने तक प्रतीक्षा करने का निर्णय किया है, ताकि वे अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सके।
Comments About This News :
Submit A Comment
Subscription Successfully......!
Error Please Try Again & Check Your Connection......!