नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार की सुबह आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने इंडोनेशिया रवाना हो चुके हैं। इसके पहले पीएम मोदी की यात्रा से जुड़ा कार्ड सामने आया है। जिसमें ‘प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत’ लिखा है। जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री जब दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस के दौरे के दौरान भी ‘प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत’ लिखा गया था। वहीं, जी 20 के लिए अधिकारियों के कार्ड बदले गए हैं। अब अधिकारियों के कार्ड पर भारत ऑफिशियल लिखा होगा।बता दें कि 8 सितंबर से लेकर 10 सितंबर तक दिल्ली में जी 20 समिट का आयोजन होने जा रहा है। इस लेकर सभी तैयारियों पूरी कर ली गई हैं। जी

20 के मेहमानों का आना शुरू हो गया है। जी 20 का आयोजन प्रगति मैदान के भारत मंडपम् में किया जाएगा। वहीं, भारत नाम तब चर्चा में आ गया, जब जी 20 से संबंधित रात्रिभोज के निमंत्रण पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत (भारत के राष्ट्रपति) के तौर पर संबोधित करने को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार देश के दोनों नामों ‘इंडिया और ‘भारत में से ‘इंडिया को बदलना चाहती है। सूत्रों ने जी20 से संबंधित कुछ दस्तावेजों में देश के नाम के रूप में भारत का इस्तेमाल करने की पुष्टि करते हुए कहा कि यह सोच-समझकर लिया गया निर्णय है।
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जी20 प्रतिनिधियों के लिए तैयार की गई एक पुस्तिका में कहा गया है, ‘‘भारत देश का आधिकारिक नाम है। इसका उल्लेख संविधान और 1946-48 की चर्चाओं में भी किया गया है। भारत द मदर ऑफ डेमोक्रेसी शीर्षक वाली पुस्तिका में यह भी कहा गया है, भारत, जो इंडिया है, उसमें शासन में लोगों की सहमति लेना प्राचीन समय से जीवन का हिस्सा रहा है। केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और गिरिराज सिंह ने विश्व नेताओं के जी 20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल ‘भारत मंडपम में शनिवार के लिए राष्ट्रपति की ओर से आयोजित जी 20 रात्रिभोज का निमंत्रण पत्र ‘एक्स पर साझा किए।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों ने राष्ट्रपति भवन की ओर से उठाए गए इस कदम की सराहना की है। इस कदम से इन अटकलों को बल मिल गया कि संसद के विशेष सत्र में देश का नाम बदलने का विषय आ सकता है।