वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति के सरकारी आवास व्हाइट हाउस ने फिर कहा कि अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने की कोई योजना नहीं है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि इस्राइल जाने से राष्ट्रपति बाइडन को अपने समकक्ष के सामने विचारों को व्यक्त करने का एक अच्छा मौका मिलेगा। इस्राइल-हमास युद्ध के बीच गाजा के एक अस्पताल पर हमले के बाद मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है। इस हमले के कारण इस्राइल को अपनी रक्षा के अधिकार के लिए समर्थन जुटाने के अमेरिका के राजनयिक प्रयासों को पटरी से उतार दिया है। जॉर्डन के अम्मान में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ अरब नेताओं के शिखर सम्मेलन को रद्द किया गया है।

एक इस्राइली अधिकारी और मामले से परिचित सूत्र का कहना है कि इस्राइल ने घातक हमले से संबंधित खुफिया जानकारी अमेरिका को दे दी है। सूत्र ने बताया कि अमेरिका इसकी जांच कर रहा है। इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ सांसदों को यह जानकारी दी है। हालांकि, इस बीच कुछ रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि अरब नेताओं का शिखर सम्मेलन अंतिम समय में रद्द होना बाइडन की राजनयिक चिंताओं को बढ़ा सकता है। इस्राइल की यात्रा करने पर अमेरिकियों सहित लाखों नागरिकों का जीवन दांव पर है, जो वर्तमान में फलस्तीन में फंसे हुए हैं। यहां मानवीय संकट चल रहा है, क्योंकि इस्राइली सैनिक जमीनी आक्रमण से पहले सीमाओं पर एकत्र हो रहे हैं।इस मामले की जानकारी रखने वाले कई लोगों के अनुसार, अमेरिका की ओर से कोई शर्त नहीं रखी गई है कि जब तक बाइडन रहने वाले हैं, तब तक इस्राइल हमला नहीं करेगा। हालांकि, राष्ट्रपति की यात्रा पर बहस और योजना बनाने वाले अमेरिकी अधिकारियों का यही मानना है कि हमला नहीं करेगा।

वहीं, गाजा अस्पताल पर हुए हमले को लेकर गुस्सा बाइडन की यात्रा के व्यापक उद्देश्य को कमजोर कर सकता है। फिलहाल, राष्ट्रपति बाइडन ने ईरान और हिजबुल्ला को इसमें शामिल नहीं होने की चेतावनी दी है और उन्हें रोकने के लिए पूर्वी भूमध्य सागर में दो विमानवाहक पोत भेज दिए हैं। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने फिर कहा कि अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने की कोई योजना नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि अमेरिका की सेना अपनी सुरक्षा के लिए तैयार है।
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सूत्रों का कहना है कि इस्राइल जाने से बाइडन की मामले को लेकर समझ गहरी होगी। उन्हें अपने इस्राइली समकक्ष के सामने अपने विचारों को व्यक्त करने का एक बेहतर मौका मिल सकता है। जानकारों ने कहा कि बाइडन और उनके वरिष्ठ सहयोगियों का मानना है कि उन्हें खुद की रक्षा करने और हमास को खत्म करने के इस्राइल के अधिकार के लिए स्पष्ट समर्थन की आवश्यकता है। इसके लिए उन्हें नेतन्याहू के साथ आमने सामने बैठक करनी होगी।