-
राष्ट्रपति मुर्मु ने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लिया
नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज मोतिहारी, बिहार में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लिया और इसे संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि वे महात्मा गांधी द्वारा भारत में किए गए पहले सत्याग्रह की स्मृति में स्थापित विश्वविद्यालय के छात्र हैं। इस विश्वविद्यालय के छात्र होने के नाते, वे एक अमूल्य विरासत से जुड़े हुए हैं, जिसका सम्मान पूरी दुनिया में किया जाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि गांधीजी की विरासत को समझने और आत्मसात करने के लिए सादगी और सच्चाई के अच्छे परिणामों को समझना होगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सादगी और सच्चाई का मार्ग ही वास्तविक सुख, शांति और प्रसिद्धि का मार्ग है। उन्होंने विद्यार्थियों से बापू की शिक्षाओं के अनुसार मन, वाणी और कर्म से सदैव सत्य के मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि गांधीजी ने अहिंसा, करुणा, नैतिकता और निस्वार्थ सेवा के आदर्शों में लोगों का विश्वास बढ़ाया। उन्होंने हमारे समाज, राजनीति और अध्यात्म को भारतीयता के साथ बहुत गहराई से जोड़ा।
विश्व समुदाय में अनेक लोग गांधीजी में भारत का मूर्त रूप देखते हैं। राष्ट्रपति ने बताया कि ऐतिहासिक चंपारण सत्याग्रह का समाज के ताने-बाने पर भी गहरा प्रभाव पड़ा। उस आंदोलन के दौरान सभी लोग जातिगत भेदभाव को किनारे रखकर एक-दूसरे के साथ खाना बनाने और खाने लगे। उन्होंने कहा कि करीब 106 साल पहले गांधी जी के कहने पर चंपारण के लोगों ने सामाजिक समानता और एकता का मार्ग अपनाया और अंग्रेजी हुकूमत को झुकने पर मजबूर कर दिया। आज भी सामाजिक समानता और एकता का वही मार्ग हमें आधुनिक और विकसित भारत के पथ पर आगे ले जाएगा।
Comments About This News :
Submit A Comment
Subscription Successfully......!
Error Please Try Again & Check Your Connection......!