नई दिल्ली । दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी के साथ एक साझा प्रेस कांग्रेस करते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर प्रदूषण के वास्तविक स्रोत का पता लगाने के लिए देश में पहली बार स्टडी कराने का फैसला लिया था लेकिन डीपीसीसी के चेयरमैन अश्वनी कुमार ने बिना कोई विमर्श किए दो करोड़ दिल्लीवालों की जिंदगी से खिलवाड़ करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की स्टडी का काम ठप हो गया है। इससे दिल्ली सरकार को प्रदूषण के वास्तविक स्रोतों का डाटा मिलना बंद हो गया है। उन्होंने कहा कि जीएनसीटीडी अमेंडमेंट बिल आने के बाद से दिल्ली सरकार के अफसर लगातार जनहित के काम रोकने में लगे हैं।

इसी कड़ी में डीपीसीसी के चेयरमैन अश्वनी कुमार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार की रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी में अड़चन लगा दी है। उन्होंने कहा कि चेयरमैन अश्वनी कुमार ने दिल्ली कैबिनेट के निर्णय को पलट दिया और आईआईटी कानपुर को बकाया राशि के भुगतान पर रोक लगा दी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली के अंदर सर्दियों के मौसम में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। अरविंद केजरीवाल सरकार प्रदूषण कम करने के लिए विंटर एक्शन प्लान के तहत कई कदम उठा रही है। इस पहल की वजह से दिल्ली के प्रदूषण स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक निश्चित समय पर प्रदूषण के वास्तविक सोर्स का वैज्ञानिक अध्ययन कराने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के कई कारण बताए जाते हैं। जिसमें धूल, गाड़ियों, बायोमास बर्निंग और पराली समेत अन्य कारण शामिल हैं। दिल्ली सरकार ने ये पता लगाने का निर्णय लिया कि किस समय, किस इलाके में, किस वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है। मसलन दिल्ली के आनंद विहार, वजीरपुर, साउथ दिल्ली, नरेला और बवाना का एक्यूआई स्तर अलग-अलग है। ये इसलिए है क्योंकि अलग-अलग जगहों पर प्रदूषण के अलग-अलग सोर्स हैं। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हमें पता चला है कि पिछले कुछ दिनों से रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी का डाटा नहीं मिल रहा है।
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हमें सर्दियों में इस डाटा की सबसे ज्यादा जरूरत है, लेकिन स्टडी को बंद कर दिया गया है। स्टडी बंद करने से पहले चेयरमैन ने संबंधित मंत्री से कोई विचार-विमर्श नहीं किया। इस समय दिल्ली को इस वैज्ञानिक विश्लेषण की सबसे ज्यादा जरूरत है, ताकि वैज्ञानिक आधार पर एक्शन लिया जा सके। लेकिन ये दिल्ली के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस समय हमारे पास यह सोर्स उपलब्ध नहीं है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में 7 जुलाई 2021 को कैबिनेट ने रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी कराने का निर्णय लिया था। 22 अक्टूबर 2021 दिल्ली सरकार के डीपीसीसी ने आईआईटी कानपुर के साथ एमओयू साइन किया था। एमओयू में ये तय किया गया था कि इस स्टडी पर करीब 12 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। कैबिनेट ने इस बजट की मंजूरी भी दे दी थी। स्टडी शुरू करने के लिए स्टेशन में कई जरूरी मशीनों को खरीदने के लिए करीब 10.60 करोड़ रुपए आईआईटी कानपुर को जारी कर दिए गए।