नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल की जमकर प्रशंसा की है। मैक्सवेल ने नीदरलैंड के खिलाफ एकदिवसीय विश्वकप मुकाबले में केवल 40 गेंदों में ही शतक लगाकर अपनी टीम को जीत दिला दी। मैक्सवेल ऑस्ट्रेलियाई पारी के 40वें ओवर में बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने 44 गेंदों पर 8 छक्कों और 9 चौकों की सहायता से 106 रन बना दिये। ये विश्वकप का अब तक का सबसे तेज शतक रहा।
पहली पारी के बाद गावस्कर मैक्सवेल की बल्लेबाजी देखकर उत्साहित हो गये। गावस्कर ने कहा, यह रिवर्स हिट सबसे महान क्रिकेटिंग शॉट्स में से एक है। यह छह रन के लिए चला गया। यह 12 होना चाहिए। इसके बाद गेंदबाज घबरा गये क्योंकि उन्हें पता ही नहीं था कि कहां गेंदबाजी करनी है। यह था एक अविश्वसनीय प्रयास था।
उन्होंने जितने रन बनाए और जिस गति से रन बनाए, उनका औसत 12 का रहा था। यह अद्भुत था।वहीं वॉटसन ने मैक्सवेल की सराहना करते हुए कहा, उन्होंने इससे सीखा, पहली गेंद को स्टैंड में डालने की कोशिश की। वह पहली गेंद से नियंत्रण में था और फिर एक बार उन्होंने पैर नीचे रखा, जैसा कि हमने उनके करियर में कई बार देखा है, यह पूरी तरह से पागलपन था। उन्होंने कहा, वह जहां चाहे हिट कर सकता है, कोई भी गेंदबाज उसे नियंत्रण के साथ गेंदबाजी नहीं कर सकता।
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