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भुजबल बंधुओं को राहत नहीं, कोर्ट ने खारिज कर दी अर्जी
मुंबई, । महाराष्ट्र के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल के बेटे पंकज और भतीजे समीर भुजबल के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामले को रद्द करने की की याचिका एक विशेष पीएमएलए अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति राहुल रोकड़े ने पंकज और समीर की याचिका इस आधार पर खारिज कर दी कि आपराधिक दंड संहिता में मामले को रद्द करने का कोई प्रावधान नहीं है। मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इन दोनों नेताओं के साथ-साथ 51 अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है.
पंकज और समीर ने अपने एडवोकेट विजय अग्रवाल एवं एडवोकेट सुदर्शन खवासे के माध्यम से कोर्ट से यह अनुरोध किया था कि पीएमएलए अधिनियम के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, यदि मूल अपराध मौजूद नहीं है, तो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला आगे नहीं बढ़ सकता है। हमें कथित महाराष्ट्र सदन घोटाले और नवी मुंबई में प्रस्तावित आवासीय विकास में कथित धोखाधड़ी के संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा
दायर आरोपों से मुक्त कर दिया गया है। इसलिए, हम पर कथित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए। बता दें कि ईडी द्वारा दर्ज अपराध मामले में मंत्री छगन भुजबल भी आरोपी हैं और वे फ़िलहाल जमानत पर बाहर हैं. चूंकि एसीबी द्वारा दायर मामले में बरी करने के लिए उनका आवेदन अभी भी लंबित है, इसलिए ईडी मामले में उनके द्वारा बरी करने के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया था।
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