लखनऊ । यूपी में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत सपा नेता और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। ईडी ने पूर्व विधायक की करोड़ों रुपये की 27 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल 72.08 करोड़ रुपये मेसर्स के आरोपी प्रमोटरों/निदेशकों/गारंटरों से संबंधित हैं। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड पर हुई है।
ईडी ने यह कार्रवाई विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम का करीब 1129.44 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में की है। बैंकों की शिकायत पर सीबीआई ने केस दर्ज किया था जिसके बाद ईडी ने भी विनय तिवारी समेत कंपनी के समस्त निदेशक, प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। कुर्क की गई संपत्तियां पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के नाम पर पंजीकृत हैं। यह संपत्यां लखनऊ, महाराजगंज और गोरखपुर जिले में फैली हैं। ईडी की जांच से पता चला कि मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों/निदेशकों/गारंटरों के साथ मिलकर धोखाधड़ी से 1129.44 रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
यह भी पता चला कि क्रेडिट सुविधाओं का भुगतान नहीं किया था और मेसर्स द्वारा बड़े पैमाने पर डायवर्जन और दुरुपयोग किया गया था। गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड और उसके प्रमोटरों,निदेशकों,गारंटरों ने बैंकिंग मानदंडों का उल्लंघन करते हुए रुपये की हानि पहुंचाई। इससे 7 बैंकों के कंसोर्टियम को करीब 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। फिलहाल, ईडी इस मामले में जांच कर रही है।