लंदन। इजरायल-हमास युद्ध विराम के बीच हजारों प्रदर्शनकारियों ने रविवार को यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ मध्य लंदन में मार्च निकाला। यह रैली यहूदी समुदाय के खिलाफ घृणा अपराधों में भारी वृद्धि के बीच हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, इस मार्च में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री और कंजर्वेटिव नेता बोरिस जॉनसन समेत करीब 1,00,000 लोगों ने हिस्सा लिया । यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ ब्रिटिश भारतीय प्रवासी के सदस्य भी एकजुटता दिखाते हुए विरोध व्यक्त करने लंदन पहुंचे।
कई लोग इजरायली झंडे के साथ-साथ भारतीय झंडे के साथ भी शामिल हुए और हमास द्वारा इजरायल पर 7 अक्टूबर के आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की, यह साल 2008 के मुंबई हमलों के समान है, जिसकी 15वीं बरसी भी थी।एक कलाकार और मार्च करने वालों में से एक, जिग्नेश पटेल ने कहा: हम विभिन्न राष्ट्रीयताओं के पीड़ितों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों के रूप में, हम यहूदी लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं, उनके द्वारा सामना की जाने वाली नफरत की निंदा करते हैं। इजरायल का समर्थन करते हैं। आत्मरक्षा के अधिकार के तहत, हम ब्रिटिश सरकार से आग्रह करते हैं कि वह हमारी सड़कों, राजनीति, शिक्षा जगत और मीडिया में व्याप्त यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करे। ब्रिटिश भारतीय प्रवासी इस चुनौतीपूर्ण समय में इजरायली और ब्रिटिश यहूदी समुदायों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इजरायल के साथ एकजुट होकर अटूट समर्थन देने का वादा करते हैं। 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल में क्रूर आतंकी हमला किया था। 2000 से अधिक आतंकवादियों ने इजरायली सीमाओं का उल्लंघन कर तबाही मचाई जिसमें 1200 से अधिक लोगों की मौत हो गई, और 3000 घायल हो गए जबकि 240 लोगों को बंधक बना लिया। जवाब में, इज़राइल ने गाजा में हमास की आतंकी इकाइयों को निशाना बनाते हुए एक मजबूत जवाबी हमला किया।