कि ये कंपनी 1994 से लोगों के अवशेष चांद पर पहुंचाने में जुटी हुई है। अमेरिका के कंसास राज्य के रहने वाले रिटायर्ड फिजिक्स प्रोफेसर केनेथ ओह्म अपनी मौत के बाद डीएनए को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजने की योजना बना रहे हैं। 86 वर्षीय प्रोफेसर ने कहा, हम चाहते हैं कि इसे भेजा जाए ताकि किसी न किसी दिन एलियन क्लोनिंग कर सकें और ये जान सकें कि वे अकेले नहीं हैं।मीडिया से बातचीत में प्रोफेसर ने कहा कि मेरा मानना है कि हजारों साल बाद भी अगर एलियंस को चांद पर मेरा सैंपल मिल गया तो शायद वे इसे रिक्रिएट कर लें। अगर ऐसा हुआ तो यह दुनिया के लिए एक वरदान की तरह होगा। तब मेरे क्लोन को एक जू में रखा जाएगा ताकि सिविलाइजेशन के बारे में बताया जा सके। आने वाली पीढ़ियां देखकर कहेंगी कि ओल्ड केन का डीएनए वहां है। यह प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
हालांकि सिर्फ केनेथ नहीं बल्कि कई और लोग भी अपने अवशेष चांद पर भेजना चाहते हैं। इनमें एक टीचर, एक ग्राफिक्स डिजाइन, एक फार्मासिस्ट, एक स्पेस एजुकेटर, एक बटालियन चीफ और एक एयरोस्पेस इंजीनियर शामिल हैं। इससे पहले स्टार ट्रेक फिल्म बनाने वाले जीन रौडेनबेरी और मशहूर फिजिसिस्ट जेरार्ड ओ नील अपने अवशेष भेज चुके हैं। टेक्सास की कंपनी सेलेस्टिस इन्हें लेकर जाएगी। कंपनी अब तक 17 उड़ानें भेज चुकी है। केनेथ ने कहा, मैं इस बात को सोचकर खुश हूं कि शायद मेरे एक हजार क्लोन बनेंगे, या शायद एक लाख या इससे ज्यादा भी।