भोपाल। राकेश राजपूत, परसादी लोधी, भूपेंद्र लोधी, जीतराम लोधी ओर महिपाल दिल्ली की एक कंपनी में मजदूरी का काम करते थे यह श्रमिक टीकमगढ़ और दमोह के रहने वाले हैं। 15 दिनों से वह दिल्ली में पाइपलाइन बिछाने के लिए खुदाई का काम कर रहे थे। इसी बीच चैनल में 41 मजदूर उत्तराखंड में फंसे। सुरंग की खुदाई के लिए उन्हें दिल्ली से उत्तराखंड ले जाया गया।जहां पर उन्होंने हाथ से खुदाई करके सुरंग को साफ करने मजदूरी का काम किया।
जब यह मजदूर सुरंग में खुदाई करने के लिए अंदर गए, तब भी वहां पर पहाड़ से लगातार मिट्टी गिर रही थी। इसके बाद भी उन्होंने बिना घबराए हुए अपना काम जारी रखा। 36 घंटे तक लगातार मिट्टी खोदने के काम में लगे, तब जाकर उन्हें यह सफलता मिली। आपदा मे अवसर मिला। रिस्क भी बहुत था।लेकिन सुरंग में काम करने के बाद जिस तरह से राष्ट्रीय स्तर पर उनके काम की पहचान हुई है। उन्हें शाबाशी मिल रही है।इसको लेकर बुंदेलखंड के यह पांचो श्रमिक अपने आप को धन्य मान रहे हैं। उनके कारण 41 सभी श्रमिक सुरक्षित रूप से बाहर निकल आए।