-विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान पीएम महिला किसान ड्रोन और जन औषधि केंद्र की संख्या 25,000 करने की शुरुआत की
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि नारी, युवा, किसान और गरीब के चार अमृत स्तंभों पर विकसित भारत का संकल्प टिका है। विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गुरुवार को संवाद करते हुए मोदी ने कहा कि यही चार बड़ी जातियां हैं, जिनका उत्थान ही भारत को विकसित बनाएगा । उन्होंने कहा कि ये चारों जातियां जब समस्यामुक्त और सशक्त होंगी तभी देश की प्रत्येक जाति सशक्त होगी
, जिससे देश सशक्त बनेगा। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि 10 साल तक उनके काम को देखने के बाद लोगों को उनकी सरकार पर विश्वास है। इस दौरान मोदी ने प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र सहित जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से 25,000 करने की शुरुआत की। झारखंड के देवघर में 10,000वें जन औषधि केंद्र को जनता के लिए समर्पित भी किया।जाति को लेकर प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल जाति आधारित जनगणना को मुद्दा बनाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देश का कोई भी गरीब चाहे वह जन्म से कुछ भी हो, उसका जीवन स्तर सुधारना और इसी प्रकार युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर देना ही उनका लक्ष्य है। उन्होंने कहा, कोई भी महिला चाहे उसकी जाति कोई भी हो, मुझे उसे सशक्त करना है। उसके जीवन की मुश्किलें कम करनी है। उनके दबे सपनो को पंख देकर संकल्प से भरना है। इस देश का कोई भी किसान चाहे उसकी जाति कुछ भी हो, उसकी आय और सामर्थ्य बढ़ाकर खेती को आधुनिक बनाना उनका संकल्प है।
विकसित भारत संकल्प यात्रा पूरे देश में सरकार की प्रमुख योजनाओं की संपूर्ण पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है ताकि इन योजनाओं का लाभ समयबद्ध तरीके से सभी लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचे। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान इस यात्रा को मोदी की गारंटी वाली गाड़ी बताया और कहा कि अब तक यह 12,000 से ज्यादा पंचायतों में पहुंच चुकी है तथा करीब 30 लाख लोग इसका फायदा उठा चुके हैं।उन्होंने कहा कि विकसित भारत का संकल्प सबके सपनों को साकार करने का संकल्प है।प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता को जनार्दन मानने वाली सरकार मौजूदा सरकार भेदभाव रहित सेवा भाव से काम कर रही हैं। नागरिकों की जरूरत की पहचान कर उन्हें उनका अधिकार देना ही स्वाभाविक और सच्चा सामाजिक न्याय है।