नई दिल्ली । मंडी हाउस पर रवींद्र भवन परिसर में इन दिनों साहित्य का संसार बसा हुआ है। साहित्य अकादमी की ओर से आयोजित पुस्तक मेले पुस्तकायन में संस्कृत, हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी की अनगिनत किताबें और साहित्यकार व कलाकार मौजूद हैं। इसमें मुशायरे और कवि सम्मेलन भी हो रहे, पसंदीदा लेखकों से मिलने के लिए अलग कॉर्नर है। कहानी, जीवनी, नृत्य, संगीत, वास्तुकला, इतिहास की अनगिनत किताबें हैं। पुस्तक मेले का द्वार भी किताबों से ही खूबसूरत अंदाज में तैयार किया गया है। साहित्य अकादमी ने दूसरे साल पुस्तकायन आयोजित किया है।
इस बार यहां बेशकीमती किताबों के 50 स्टाल हैं। इनपर देश के जाने माने प्रकाशक अपनी चुनिंदा किताबों के साथ मौजूद हैं। प्रकाशन विभाग कला संस्कृति की किताबों की पूरी लाइब्रेरी लेकर उपस्थित हुआ है। प्रधानमंत्रियों के भाषण का संग्रह, कला संस्कृति और बाल साहित्य, आधुनिक भारत जैसे विषयों पर 300 से ज्यादा किताबें यहां से खरीदी जा सकती हैं। राजकमल प्रकाशन, प्रभात प्रकाशन, साहित्य अकादमी पत्रिका की लोकप्रिय किताबें यहां बिक रहीं। तंजुमन की 200 से ज्यादा शेरॉ, शायरी की उर्दू, हिंदी में किताबें हैं।
एकलव्य, नियोगी, प्रिंट के ढेरों साहित्य हैं। रेख्ता फाउंडेशन की 100 से ज्यादा उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी में किताबें हैं, दीवाने गालिब अंग्रेजी में भी उपलब्ध हैं। मेले में कई ऐेसे स्टॉल भी हैं जो बच्चों पर केंद्रित हैं। इनमें मुख्यत: बच्चों को लुभाने वाली किताबें, पत्रिकाएं, खिलौने व संगठनों से जुड़े बच्चों द्वारा बनाई गई सामग्री शामिल हैं। दुकानदारों का कहना है कि मेले से होने वाली कमाई को बच्चों पर खर्च किया जाएगा। बच्चों को पंचतंत्र, वर्णावली, कार्टून वाली किताबें व लगभग पर दूसरी किताब खूब पसंद आ रही है। इन स्टॉल में आयोजकों का कहना है कि मेले के पहले दिन शुक्रवार से ही लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। आने वाले वीकेंड में अधिक भीड़ होने की उम्मीद है।