नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक्साइज पॉलिसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह की न्यायिक हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी है। संजय सिंह के खिलाफ शनिवार को ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूरक आरोपपत्र दायर किया है। ईडी की ओर से आरोपपत्र दायर किए जाने के बाद आप ने दावों को खारिज कर दिया और इसे झूठ का पुलिंदा करार दिया। आप ने जोर देकर कहा कि कई आरोपपत्रों और कई छापों के बावजूद ईडी कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में सिंह के खिलाफ कोई ठोस सबूत हासिल करने या किसी भी वित्तीय विसंगतियों को ठीक करने में विफल रही है।
आम आदमी पार्टी ने न्यायिक प्रणाली में विश्वास जताते हुए कहा कि न्याय की जीत होगी। संजय सिंह बेगुनाह हैं, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके करीबी सहयोगियों के मुखर आलोचक होने की कीमत चुका रहे हैं। आप ने आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी गलत को गलत कहने वालों को निशाना बनाने में लगी हुई है। ईडी की चार्जशीट के जवाब में कहा कहा गया है, हमें न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है- न्याय होगा। संजय सिंह निर्दोष हैं और जल्द ही बाहर आएंगे। वह केवल प्रधानमंत्री मोदी और उनके करीबी दोस्तों के खिलाफ संसद के अंदर सबसे निडर आवाज होने की कीमत चुका रहे हैं। आप ने कहा आप न केवल भारत की सबसे छोटी राजनीतिक पार्टी है, बल्कि यह बीजेपी शासन की ओर से सबसे ज्यादा निशाना बनाई गई पार्टी भी है। आप नेताओं के खिलाफ अब तक 250 से अधिक फर्जी मामले दर्ज किए गए हैं
लेकिन एक भी आरोप साबित नहीं हुआ है। पार्टी ने कहा, सच्चाई यह है कि 10 साल की छोटी सी अवधि में आप के राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उभरने से बीजेपी घबरा गई है। वह जानती है कि वह चुनाव में आप को नहीं हरा सकती, इसलिए वह सभी जांच एजेंसियों को हमारे पीछे लगा रही है। इससे पहले ईडी ने कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले की जांच के सिलसिले में सिंह के खिलाफ 60 पेज का पूरक आरोपपत्र दाखिल किया। ईडी के सूत्रों ने कहा कि आरोपपत्र में एजेंसी ने आरोप लगाया है कि सिंह अन्य आरोपी व्यक्तियों की मदद करने के अलावा साजिश, मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे। ईडी ने आरोपपत्र में एक और व्यक्ति को भी आरोपी बनाया है, हालांकि उसके नाम का खुलासा नहीं किया है।