इसमें कहा गया है कि कुछ अन्य कंपनियाँ पुखराज जैन परिवार और राजेश उर्फ सरवनन जीवनानंदम द्वारा नियंत्रित हैं।एसवीइंफ्रास्ट्रक्चर, जीआर प्रोजेक्ट्स और कार्तिक ट्रेडर्स की भी तलाशी ली गई। ईडी का मामला सीसीबी, चेन्नई द्वारा रेड्डी और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। मेसर्स गेटवे ऑफिस पार्क्स प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार, इस मामले में 129 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है। ईडी ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है
कि रेड्डी ने अपने परिवार के स्वामित्व वाली संस्थाओं के माध्यम से 129 करोड़ रुपये की हेराफेरी की। इसमें कहा गया है कि फर्जी चालान जारी करने का फायदा लेते हुए वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के लिए भुगतान के बहाने उल्लिखित संस्थाओं के माध्यम से धनराशि को डायवर्ट किया गया था। ईडी ने कहा कि तलाशी अभियान से अघोषित नकदी या भारतीय मुद्रा, बैंक बैलेंस और शेयरों का पता चला। ईडी ने कहा कि पीएमएलए, 2002 की धारा 17(1ए) के तहत कुल 45 करोड़ रुपये से अधिक की चल संपत्ति जब्त कर ली गई। इसमें कहा गया है कि मुंबई और चेन्नई में महंगे अपार्टमेंटों के साथ-साथ अपराध की आय से प्राप्त अन्य संपत्तियों की पहचान की गई और प्रासंगिक दस्तावेज जब्त किए गए।