- भाषाई मामले में भारत देश विश्व में सबसे समृद्ध : कोविन्द

भाषाई मामले में भारत देश विश्व में सबसे समृद्ध : कोविन्द


-आईजीएनसीए एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी ने ‎किया भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन 


नयी दिल्ली। पूर्व राष्ट्रप‎ति रामनाथ को‎विंद ने कहा है ‎कि भाषाओं के मामले में भारत दुनिया में सबसे समृद्ध देश है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में भारतीय भाषा दिवस के उपलक्ष्य में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कोविन्द ने बच्चों की उपस्थिति पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा, इतनी बड़ी संख्या में भारतीय भाषा के मेधावी छात्रों और भाषा शिक्षकों को देखकर मुझे अत्यंत गौरव की अनुभूति हो रही है।

 

भाषाओं के मामले में भारत विश्व में सबसे समृद्ध: कोविन्द

इतना विराट, विशाल वैभवशाली भारत आज मेरे सामने हैं। सचमुच, मुझे यह मिनी भारत का जीता-जागता उदाहरण लग रहा हैं। इस विहंगम दृश्य को देखकर कौन मुग्ध और मोहित नहीं होगा। मुझे इसे बात की खुशी है कि आज माली और फूल एक साथ बैठे हैं। उन्होने कहा ‎कि शिक्षक के रूप में आप सभी गुरुजन माली और शिष्यों के रूप में उपस्थित सभी छात्र फूल हैं। मैं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा देश के भविष्य और देश के भविष्य के निर्माताओं को उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करने हेतु भारतीय भाषा उत्सव आयोजित करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 

 

भाषाओं के मामले में भारत विश्व में सबसे समृद्ध: कोविन्द

पूर्व राष्ट्रप‎ति ने कहा ‎कि हमारा भारत विविधताओं से भरा देश हैं। भौगौलिक, सांकृतिक, खान-पान, रहन-सहन, आस्था, मान्यताओं की विविधताओं के साथ-साथ भाषाओं के मामले में भारत विश्व में सबसे धनी है। उन्होंने कहा कि हमारे व्यक्तित्व के निर्माण में भाषा की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। सचमुच भाषा हमें गढ़ती हैं और अपनी मिट्टी से जोड़ने का काम भी करती है। भारत केवल प्राचीन सभ्यता के लिए ही नहीं, अपितु अपनी संस्कृति और भाषाई संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने कहा, मैं सभी बच्चों से कहना चाहूंगा की वह अपनी मातृभाषा के अलावा और भी भाषाएं सीखें, जिससे आप भारत के समृद्ध इतिहास को जान सकेंगे।

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कार्यक्रम में संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जब कोई बच्चा जन्म लेता है, तो वह कोई भाषा नहीं जानता। वह सबसे पहली भाषा वही सीखता है, जो उसकी मां उसे सिखाती हैं। इसीलिए उसे मातृभाषा की संज्ञा दी गई है। आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि भारतीय भाषाओं को लेकर यह अब तक का सबसे महत्त्वपूर्ण आयोजन है। आज इस सभागार में वे सभी विद्यार्थी उपस्थित हैं, जिन्होंने भारतीय भाषाओं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इनमें से बहुत से विद्यार्थी ऐसे भी हैं, जिन्होंने 100 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। इस दौरान भारतीय भाषाओं में उच्चांक प्राप्त बच्चों तथा उनके ‎शिक्षकों को सम्मा‎नित ‎किया गया।
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