सैन फ्रांसिस्को । साउथेम्प्टन की रहने वाली 34 साल लुईस मिसोफोनिया नामक दुर्लभ बीमारी से जूझ रही है। यह एक मेंटल डिसऑर्डर है। इससे पीड़ित लोग कुछ आवाजों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। खाना खाने के दौरान होने वाली आवाज, डकार लेने, छींकने, सांस लेने की आवाज, पेन की क्लिक करने की आवाज, घड़ी की सुई का साउंड ऐसे लोगों को क्रोधित कर देता है। उन्हें एक तरह से पागल बना देता है। वे इन आवाजों को बर्दाश्त नहीं कर सकते। ऐसे लोग न तो किसी पार्टी में बैठ सकते हैं और न ही घर में परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बैठकर खाना खा सकते हैं। खर्राटे वाले लोगों के पास सोना तो बहुत दूर की बात, सामान्य लोगों के साथ भी ये रह नहीं सकते।
लुईस ने कहा, मैं आमतौर पर जितना जल्दी हो सके खाना खा लेती हूं। फिर अपने कमरे में चली जाती हूं ताकि दूसरों को खाना खाते हुए न देखूं। हमेशा इस बात का डर लगा रहता है कि अगर किसी को देख लिया तो कहीं गुस्से में जोर-जोर से हमला न कर दूं। मुझे हर तरह का शोर परेशान करता है। हालांकि, कुछ आवाजों के साथ मैंने जीना सीख लिया है। लुईस ने बताया, मेरी सुनने की क्षमता हमेशा बहुत संवेदनशील रही है। कुछ आवाजें मुझे अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा तेज सुनाई देती हैं। जब मुझे गुस्सा आता है, तो मैं एक बच्चे की तरह व्यवहार करने लगती हूं।
कोई जोर-जोर से खाना खाए, ये मुझे पसंद नहीं। या तो मैं हमला कर देती हूं, या फिर चुपचाप अपने कमरे में भाग जाती हूं। वहीं रहती हूं। मैं हर कीमत पर लोगों के साथ खाना खाने से बचती हूं। लुईस अक्सर कार में खाना खाने का विकल्प चुनती है, जहां वह अपना मनपसंद संगीत बजा सके। गानों की धुन में खाने की आवाज कमजोर हो जाती है, जिसे वह सुन नहीं सकती।